मुंबई। 100 करोड़ की वसूली मामले में अनिल देशमुख के गृहमंत्री की कुर्सी गवाने के बाद अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी परिवहन मंत्री अनिल परब पर 300 करोड के घोटाले का आरोप उन्ही के विभाग के एक अधिकारी ने लगाया है। नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में इससे संबंधित मामला दर्ज होने के बाद परब आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं। परब ने शनिवार को कहा कि मेरे, परिवहन आयुक्त सहित परिवहन विभाग के पांच अधिकारियों के खिलाफ नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में निलंबित मोटर वाहन निरीक्षक गजेंद्र पाटील द्वारा की गई शिकायत झुठी है। पाटील ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि परिवहन विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग में 300 करोड़ का घोटाला हुआ है और परिवहन मंत्री के इशारे पर यह वसूली की गई है।
परिवहन विभाग के निलंबित मोटर वाहन निरीक्षक पाटील द्वारा नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन दर्ज शिकायत में कहा गया है कि आरटीओ अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए करोड़ों रुपए की मोटी रकम परिवहन मंत्री अनिल परब के इशारे पर वसूली जाती है। गजेंद्र पाटील ने ट्रांसफर पोस्टिंग में 250 से 300 करोड़ रुपए वसूले जाने का आरोप लगाया है। पाटिल के मुताबिक वर्धा के डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाटे इस ट्रासफर-पोस्टिंग के धंधे का मास्टर माईंड है। वह मंत्री अनिल परब के इशारे और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अनिवाश ढाकणे के साथ मिलकर इस रैकेट को चलाता है। परिवहन मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के चलते निलंबित किए गए मोटर वाहन निरीक्षक पाटील को निलंबित किया गया है। इसकी वजह से वे निराधार आरोप लगा रहे हैं।
यह अधिकारी झुठे आरोप लगा कर महा विकास आघाडी सरकार को बदनाम करना चाहता है। ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सरकार को बदनाम करने के लिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। परब ने कहा कि इस शिकायत की नाशिक पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। इस बीच पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है। पुलिस उपायुक्त (क्राईम ब्रांच) इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने पांच दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है।