वाराणसी। बीएचयू के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को वैक्सीन की एक डोज ही काफी है। अब वैज्ञानिकों ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि संक्रमित लोगों में पहली डोज 10 दिन में ही पर्याप्त एंटीबॉडी बना लेती है। जबकि जो संक्रमण से बचे हुए हैं उनमें एंटीबाडी बनने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। पीएम को लिखे पत्र में वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर कोरोना से उबरे लोगों को एक डोज दिया जाता तो वैक्सीन का संकट खत्म हो सकता है। स्टडी में चिंता जाहिर कहा गया है कि कोरोना से संक्रमण से ठीक हुए लोग एक महीने के बाद अपनी एंटीबॉडी खो देते हैं।
कितने लोगों पर हुई स्टडी : दैनिक भास्कर वेबसाइट के अनुसार,बीएचयू के जूलॉजी विभाग के प्रो.ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि 20 लोगों पर इसकी स्टडी की गई थी। यह स्टडी कोविड के लिए जिम्मेदार SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ नेचुरल एंटीबॉडी के रोल और फायदों की जानकारी देती है। स्टडी में सामने आया है कि कोरोना पॉज़िटिव से उबरे लोगों को वैक्सीन की पहली डोज में एंटीबॉडी तेजी से बनती है,जबकि जो लोग कोरोना पॉजिटिव नहीं हुए हैं उनमें वैक्सीन लगवाने के बाद लगभग एक माह में एंटीबॉडी विकसित होती है।
पीएम को दिए सुझाव : इस स्टडी में बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. वीएन मिश्र और प्रो. अभिषेक पाठक, जबकि जूलॉजी विभाग के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे, प्रज्ज्वल सिंह और प्रणव गुप्ता शामिल थे। खबर के अनुसार इस स्टडी को अमेरिका के जर्नल साइंस इम्युनोलॉजी में प्रकाशित करने के लिए भेजा गया है। पीएम को लिखे पत्र में कहा गया कि कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों के लिए एक डोज ही काफी है। इसलिए अगर जो लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उन्हें वैक्सीन की एक ही डोज दी जाये , इससे देश में पैदा हुए वैक्सीन संकट को खत्म किया जा सकता है।9