ईरान में इस्लामी मूल्यों को लेकर कठोर कानून लागू करने वाली शासन व्यवस्था एक बार फिर विवादों में है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए विवाह के एक वीडियो ने ईरान में पाखंडी इस्लामी कानूनों और रिजीम सदस्यों के विशेषाधिकारों को लेकर आम लोगों की आखें खोल दी है। वीडियो में ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली शामखानी की बेटी अपनी शादी में एक स्ट्रैपलेस पश्चिमी शैली की पोशाक में पहुंची थी, जबकि ईरान में आम महिलाओं को अपने बाल खुले रखने पर भी पाबंदी है, इतना ही नहीं उन्हें दंडित करने के लिए ईरान की रिजीम में उनकी प्रताड़ना के प्रावधान है।
वायरल वीडियो मई 2024 में तेहरान के आलीशान एस्पिनास पैलेस होटल में फिल्माया गया बताया जा रहा है, जिसे हाल ही में ईरानी कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। देखते ही देखते यह क्लिप तेजी से वायरल हो गई और तीन लाख से अधिक बार देखी गई, जिसके बाद ईरानी शासन की पाखंडपूर्ण, दोहरे मापदंडो की नीतियों पर जमकर नाराजगी देखने को मिली।
वीडियो में शादी के दृश्य, संगीत, नृत्य और बिना हिजाब के महिलाओं की मौजूदगी आम ईरानियों पर थोपे गए सख्त धार्मिक नियमों के विपरीत दिखते हैं। बताया जा रहा है कि यह आयोजन करीब 1.4 अरब तोमान (स्थानीय मुद्रा) की लागत से किया गया था और इसमें ईरान के राजनीतिक और प्रशासनिक उच्च वर्ग के कई लोग शामिल थे। मसीह अलीनेजाद ने X पर लिखा, “इस्लामी गणराज्य के शीर्ष प्रवर्तकों में से एक, अली शमखानी की बेटी ने स्ट्रैपलेस ड्रेस पहनकर एक भव्य शादी की। वहीं, ईरान में महिलाओं को बाल दिखाने पर पीटा जाता है। यह लोग इस्लामी मूल्यों को गोलियों, डंडों और जेलों के ज़रिए, खुद को छोड़कर, हर किसी पर थोपते हैं।”
The daughter of Ali Shamkhani one of the Islamic Republic’s top enforcers had a lavish wedding in a strapless dress. Meanwhile, women in Iran are beaten for showing their hair and young people can’t afford to marry. This video made millions of Iranian furious. Because they… https://t.co/MAb9hNgBnN pic.twitter.com/WoRgbpXQFA
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) October 19, 2025
सत्तारूढ़ व्यवस्था के भीतर व्याप्त ‘दोहरे मापदंडों’ और विलासिता का यह असली चेहरा है, जहां एक ओर आम ईरानी नागरिक वैश्विक प्रतिबंधों, स्थानिक इस्लामी प्रतिबंध और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, और अधिकारी वर्ग पश्चिमी अंदाज़ में शादियों और महंगे आयोजनों का आनंद उठा रहे हैं।
अलीनेजाद ने अपने पोस्ट में 2022 में “महसा अमीनी” की मौत का भी जिक्र किया, जिसकी हत्या ने “वुमन, लाइफ, फ्रीडम” आंदोलन को जन्म दिया था। उन्होंने कहा कि वही शासन, जो महिलाओं को हिजाब न पहनने पर सजा देता है, अपने परिवारों को इन नियमों से मुक्त रखता है।
जून 2025 में लागू हुए नए कानून के तहत ईरानी महिलाओं, यहाँ तक कि 12 वर्ष की लड़कियों तक को बिना हिजाब दिखने पर कठोर दंड का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस वीडियो के सामने आने से जनता का गुस्सा और भड़क गया है। एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, “वे सबको सादगी का पाठ पढ़ाते हैं, लेकिन उनकी अपनी बेटियाँ डिज़ाइनर कपड़ों में घूमती हैं। नियम हमारे लिए हैं, उनके लिए नहीं।”
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