26 C
Mumbai
Saturday, December 27, 2025
होमन्यूज़ अपडेट272 प्रख्यात नागरिकों ने राहुल गांधी के खींचे कान !

272 प्रख्यात नागरिकों ने राहुल गांधी के खींचे कान !

कहा—‘वोट चोरी’ आरोपों से चुनाव आयोग को बदनाम करना लोकतंत्र पर प्रहार। यह आरोप राजनीतिक हताशा को संस्थागत संकट के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास प्रतीत होते हैं।

Google News Follow

Related

देश के 272 प्रख्यात नागरिक, जिनमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, सेवानिवृत्त नौकरशाह, राजनयिक, पूर्व IPS और IAS अधिकारी, RAW के पूर्व प्रमुख और बड़े संख्या में सैन्य दिग्गज शामिल हैं, उन्होंने ने एक खुला पत्र जारी कर कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस और उसके नेता चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं की साख को सुनियोजित और षड्यंत्रकारी तरीके से कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।

हस्ताक्षरकर्ताओं में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और हेमंत गुप्ता, RAW के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, कई पूर्व डीजीपी, पूर्व राजदूत तथा 130 से अधिक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने यह चिंता व्यक्त की है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था संस्थाओं के खिलाफ ज़हरीली बयानबाज़ी के बढ़ते चलन से प्रभावित हो रही है। उनके अनुसार, कांग्रेस पहले सेना, न्यायपालिका और संसद को निशाना बना चुकी है, और अब चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर हमला हो रहा है।

पत्र में राहुल गांधी पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बार-बार “वोट चोरी” का आरोप लगाया, लेकिन इसके समर्थन में कोई साक्ष्य या शपथ पत्र के साथ औपचारिक शिकायत नहीं दी। समूह ने कहा कि गांधी द्वारा 100 प्रतिशत सबूत और एटम बम होने के दावों के बावजूद आज तक आयोग के खिलाफ कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इसके साथ ही, चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ खुले मंचों से दी गई चेतावनियों को भी उन्होंने गंभीर और अस्वीकार्य बताया।

इस खुले पत्र में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं, कुछ वामपंथी NGOs और अकादमिक समूहों को भी निशाने पर लिया गया है, जिन्होंने चुनाव आयोग की विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर हमला बोला था। समूह ने कहा कि आयोग पहले ही अपनी पूरी कार्यप्रणाली सार्वजनिक कर चुका है, अदालतों की निगरानी में सत्यापन प्रक्रिया पूरी की गई है, अयोग्य नाम हटाए गए हैं और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा गया है। पत्र में लिखा है कि ऐसे आरोप राजनीतिक हताशा को संस्थागत संकट के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास प्रतीत होते हैं।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि चुनावी पराजय की श्रृंखला ने विपक्ष में बौखलाहट पैदा कर दी है, जिसकी वजह से वे जनसरोकारों और नीतिगत विकल्पों पर ध्यान देने की बजाय संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं। समूह ने कहा कि जब विपक्ष चुनाव जीतता है तो आयोग की आलोचना सुनाई नहीं देती, जो सिलेक्टिव आक्रोश और राजनीतिक अवसरवाद है।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन और एन. गोपालस्वामी की विरासत का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग जैसी संस्था को कमजोर करने के प्रयास लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाते हैं। नागरिकों ने समाज से अपील की कि वे चुनाव आयोग के साथ खड़े हों और राजनीतिक दलों से अपेक्षा करें कि वे आरोपों के बजाय नीतिगत समाधान और ठोस विचार प्रस्तुत करें।

पत्र में अवैध प्रवासियों, गैर-नागरिकों और फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में बने रहने के खतरे पर भी चिंता जताई गई है और कहा गया है कि यह राष्ट्र की संप्रभुता और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने आयोग से पारदर्शिता बनाए रखने और आवश्यक होने पर कानूनी कदम उठाने का आग्रह किया।

अंत में, 272 हस्ताक्षरकर्ताओं ने देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं विशेषकर चुनाव आयोग में अपना “अटूट विश्वास” दोहराया और कहा कि भारत की संस्थाओं को राजनीतिक पंचिंग बैग नहीं बनाया जाना चाहिए। उनके शब्दों में, “देश को ऐसी नेतृत्व की आवश्यकता है जो सत्य पर आधारित हो, विचारों पर टिके हो और सेवा भाव रखता हो न कि फूहड़ता और उत्तेजना पर।” इस खुले पत्र पर न्यायमूर्ति एस.एन. धिंगरा, पूर्व डीजीपी निर्मल कौर समेत कुल 272 प्रख्यात नागरिकों ने हस्ताक्षर किए हैं।

यह भी पढ़ें:

अल फलाफ यूनिवर्सिटी पर ₹415 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग केस

केरल सरकार पहुँची सुप्रीम कोर्ट, कहा– SIR से स्थानीय निकाय चुनावों में ठप पड़ जाएगा प्रशासन

बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना की प्रत्यर्पण प्रक्रिया की तेज, इंटरपोल की मदद लेने की तैयारी

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,574फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें