केरल पुलिस ने बुधवार(19 नवंबर) को एक गंभीर और संवेदनशील मामले में फ़िदा अहमद अली और मुहम्मद अली उसके लिव-इन पार्टनर के खिलाफ वेंजरमोड पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दोनों ने महिला फ़िदा मुहम्मद अली के 16 वर्षीय बेटे को प्रतिबंधित आतंकी संगठन ISIS की ओर धकेलने का प्रयास किया। मामला तब सामने आया है जब नाबालिग लड़के को यूके से वापस लाकर उसके चाचा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
लड़का अपनी मां और उसके पार्टनर मुहम्मद अली के साथ यूनाइटेड किंगडम में रह रहा था, जहां उसकी मां नर्स के रूप में काम करती है। शिकायत के अनुसार, वहीं पर मां का पार्टनर किशोर को ISIS से जुड़े वीडियो दिखाता था, और उसे संगठन से जुड़ने के लिए कथित रूप से प्रेरित कर रहा था। लड़के के चाचा ने आरोप लगाया कि किशोर ने खुद उनसे बताया कि उसकी मां को इस सबकी जानकारी थी और उसने इसका समर्थन भी किया।
लड़का वर्तमान में केरल में अपने पैतृक परिवार के साथ रह रहा है। पुलिस को दिए बयान में उसने बताया कि कैसे उसके सामने कट्टरपंथी सामग्री दिखाई जाती थी और उससे ISIS संगठन से जुड़ने की बातें की गईं।
मामला दर्ज होने के बाद किशोर की मां ने सभी आरोपों से इनकार किया है। दावा किया कि यह आरोप उसका पति और ससुराल द्वारा रची गई साजिश हैं, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है। उनका कहना है कि बेटे को गलत तरीके से प्रभावित किया गया और इस मामले में उनका कोई हाथ नहीं है।
चूंकि मामला UAPA से जुड़ा है, इसलिए पुलिस ने इसे अत्यधिक संवेदनशील मानते हुए एक विस्तृत जांच शुरू की है।केंद्रीय एजेंसियों ने मामले को गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय स्तर की जाँच टीमों और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने विस्तृत जाँच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, शिकायत में घरेलू विवाद और पारिवारिक तनाव के तत्व भी हैं, इसलिए वे कट्टरपंथी गतिविधि और पारिवारिक विवाद दोनों कोणों से मामले की पड़ताल कर रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या लड़के को ISIS से जोड़ने के लिए कोई ठोस प्रयास किए गए? क्या इंटरनेट, वीडियो या किसी नेटवर्क से वास्तविक संपर्क हुआ? यूके में रहते हुए शिकायत किए गए घटनाक्रम की पुष्टि कैसे होगी?
UAPA के तहत मामला दर्ज होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की भी नजर इस पूरे घटनाक्रम पर है। यदि जांच में सामने आता है कि लड़के को कट्टरपंथी सामग्री दिखाकर प्रभावित किया गया, तो मामला और गंभीर रूप धारण कर सकता है।
केरल में इससे पहले भी परिवारों में कट्टरपंथी प्रभाव को लेकर कई मामले सामने आए हैं, और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे मामलों को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती हैं। यह केस भी अब राज्य में कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण जांच का हिस्सा बन गया है।
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