लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जल्द ही फिल्म सिटी का निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक इंटरनेशनल फिल्म सिटीयोजना को यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पूरी डीपीआर 8 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। इसके बाद योजना को अमली जामा पहनाने की कोशिश होगी। यह सब तय होने के बाद ग्लोबल टेंडर के जरिए डेवलपर चयन का काम होगा। इसके बाद दिसंबर तक इसका शिलान्यास करा कर प्रथम चरण का निर्माण शुरू करवाया सकता है। प्राधिकरण के पास पहले से ही विवाद रहित 1000 एकड़ जमीन ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में है। बताया जा रहा है फिल्म सिटी सरकार व निजी डेवलपर मिल कर यानी पीपीपी मॉडल पर बनाएंगे। प्राधिकरण अपनी जमीन डेवलपर को किन शर्तों पर नि:शुल्क देगा, यह भी तय होगा। इस साल अमेरिका की कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस (सीबीआरई) ने फिल्म सिटी की प्रारंभिक डीपीआर तैयार की थी। अब यही कंपनी फाइनल डीपीआर तैयार कर प्राधिकरण को देगी।
फाइनल डीपीआर में इस बात का उल्लेख होगा किस वित्तीय माडल पर इसे बनाया जाए। इसके लिए फंड की व्यवस्था का फार्मूला क्या होगा? फिल्म सिटी के प्रथम चरण, दूसरे चरण व तीसरे के निर्माण पर आने वाले खर्च का फाइनल ब्यौरा व निर्माण समय सीमा का विस्तृत ब्यौरा होगा। साथ ही और इसके संचालन, रखरखाव व फिल्म सिटी से आमदनी व रोजगार का हिसाब भी लगाया गया है। फिल्म सिटी को पर्यटन स्थल की रूप में भी विकसित किया जाएगा जैसे हैदराबाद में रामोजी फिल्म सिटी पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल है। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डीपीआर सरकार को जल्द सौंपी जाएगी। इसका अध्ययन कर शासन तय करेगा कि परियोजना को किस रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। इस फिल्म सिटी में कई महत्वपूर्ण स्थान निर्धारित किये गए हैं। जिनमें थ्री डी स्टूडियो, 360 डिग्री पर घूमने वाले सेट,ओपेन व इंडोर स्टूडियो, साउंड रिकॉर्डिंग, एडिटिंग व एनिमेशन स्टूडियो,फिल्म इंस्टीट्यूट व एम्यूजमेंट पार्क, प्री प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक की आधुनिक सुविधा, होटल व गेस्ट हाउस आदि शामिल हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार फिल्म सिटी निर्माण को प्राथमिकता तौर पर घोषित की हुई है। अगर राज्य में फिल्म सिटी का निर्माण हो जाता है तो वहां रोजगार के अवसर बढ़ जायेंगे।