28 C
Mumbai
Thursday, October 31, 2024
होमराजनीतिमराठा आरक्षण पर PM से मिले उद्धव ठाकरे,अशोक चव्हाण व अजीत पवार

मराठा आरक्षण पर PM से मिले उद्धव ठाकरे,अशोक चव्हाण व अजीत पवार

Google News Follow

Related

मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मराठा आरक्षण, चक्रवात ताउते पर राहत उपायों के लिए वित्तीय सहायता समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री के साथ राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण भी प्रधानमंत्री से मिले थे। उद्धव ठाकरे ने बताया कि कुल 12 मुद्दों पर पीएम के साथ चर्चा हुई और उन्होंने इन पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। बैठक के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत सकारात्मक रही।

“प्रधानमंत्री से यह अधिकृत भेंट थी, जिसके कारण सबको पता हैं, आरक्षण, मेट्रो कारशेड, जीएसटी के लेन-देन पर हमारी बातचीत हुई,मराठा और ओबीसी आरक्षण पर चर्चा हुई, पदोन्नति पर आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर हमने अपना मत रखा, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी विषयों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ 30 मिनट तक व्यक्तिगत चर्चा भी हुई। उद्धव ने कहा कि सत्ता में साथ नहीं होने से रिश्ते खत्म नहीं हो जाते, बालासाहेब ठाकरे के समय से यह नाता है। पीएम से मांग की है कि कोविड महामारी में जीएसटी का पैसा राज्य को जल्द से जल्द मिले,महाराष्ट्र में जो ताउते तूफान आया था, उसको लेकर केंद्र सरकार से सहायता मांगी है। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने, किसानों के लिए फसल बीमा को लेकर, कंजूरमार्ग में मेट्रो कारशेड के लिए जगह, 50 फीसदी आरक्षण सीमा को शिथिल करने जैसे मुद्दों पर उनसे बातचीत हुई।

एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने से संबंधित 2018 का आरक्षण कानून रद्द कर दिया था, इसके बाद पिछले महीने सीएम उद्धव ठाकरे ने मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग में जोड़ने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा था, ताकि वे आरक्षण का लाभ उठा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था और कहा था कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा लांघने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं थी, जिसका निर्धारण 1992 के मंडल फैसले में किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई को आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग श्रेणी के तहत दिये जाने वाले आरक्षण का लाभ मराठा समुदाय को देने की घोषणा की थी।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,330फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
186,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें