केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधन में राज्यों को भारत की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एकसमान आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) संरचना को शीघ्रता से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे देश में मजबूत, एकसमान और सुसंगत परिचालन क्षमता के बिना हम खुफिया जानकारी का उचित उपयोग और प्रभावी समन्वित जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं कर सकते।
अमित शाह ने पहलगाम और दिल्ली के लाल किले पर हुए आतंकी हमलों में विभिन्न एजेंसियों और राज्य पुलिस बलों की सफल कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में इन एजेंसियों की गहन कार्रवाई ने देश को गौरवान्वित किया है।
उन्होंने इस दोहरी कार्रवाई को पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगनाओं के खिलाफ भारत सरकार, भारत के सुरक्षा बलों और भारत की जनता की ओर से एक मजबूत और निर्णायक जवाब बताया।
अमित शाह ने लगातार बदलती प्रौद्योगिकी और आतंकी परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए केंद्र और राज्यों की सभी एजेंसियों से साइबर युद्ध, हाइब्रिड युद्ध के प्रति सतर्कता, बहु-सुरक्षा स्तर और खुफिया जानकारी के निर्बाध प्रवाह जैसे अंतरराष्ट्रीय आयामों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि यह भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करने का एक साधन है, चाहे वह सीमा पार आतंकवाद हो, मादक पदार्थों से संबंधित आतंकवाद हो या साइबर आतंकवाद।
उन्होंने देश के सामने मौजूद विभिन्न खतरों, विशेष रूप से कट्टरता, भर्ती और कमजोर युवाओं के शोषण से उत्पन्न होने वाले खतरों के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
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