नई दिल्ली। कांग्रेस पंजाब और राजस्थान में आंतरिक कलह से जूझ रही पार्टी के लिए एक और राज्य से बुरी खबर है। अब केरल पार्टी में एक वर्ग हाईकमान के द्वारा नजरअंदाज किये जाने पर नाराज है। नए बनाम पुराने की रस्साकशी में सीनियर नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां प्रदेश में हुए चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष ए. रामचंद्रन को पद से हटा दिया गया था। वहीं विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला को भी हटाया गया है। जिसकी वजह से पार्टी में आंतरिक कलह शुरू हो गया है। बता दें कि राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से सांसद हैं।
हाईकमान से नाराज चल रहे चेन्नीथला कैंप के नेताओं का कहना है कि भले ही उन्हें पद से हटाया गया है, लेकिन विदाई सम्मानजनक नहीं रही है। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए अपॉइंटमेंट ही नहीं मिला। यही नहीं नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को चुनने में भी राय नहीं ली गई। चेन्नीथला के एक समर्थक ने कहा कि वह सम्मानजक विदाई के हकदार हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या फिर राहुल गांधी की ओर से उन्हें बुलाया जा सकता था और यह बताते हुए हटने को कहा जा सकता था कि आखिर क्यों अब नए चेहरों की जरूरत है। यहां तक कि उनकी या फिर पूर्व सीएम ओमान चांडी की भी सलाह लिए बगैर सभी बदलाव कर दिए गए।’ प्रदेश प्रभारी तारिक अनवर ने विधायकों, सांसदों और संगठन के नेताओं से बातचीत की है। प्रदेश में चेन्नीथला की जगह पर अब वीडी सतीशन को नेता विपक्ष बनाया गया है। इसके अलावा के. सुधाकरण को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। वह कॉलेज में सीएम पिनराई विजयन के जूनियर रहे हैं। राहुल गांधी वायनाड सीट से हैं सांसद। केरल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि चेन्नीथला की आयु 65 साल ही है और अब भी उनमें राजनीतिक दम बाकी है। लेकिन सवाल यह है कि उन्हें कौन सभी भूमिका में रखा जाए। फिलहाल राज्य में यूडीएफ गठबंधन के संयोजक का पद रिक्त है, लेकिन इसके लिए पूर्व सीएम के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरण को रेस में सबसे आगे माना जा रहा है।