बहादुरगढ़। तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान आंदोलनकरियों का चेहरा धीरे-धीरे सामने आ रहा है। ये वे आंदोलनकारी जो लाल किले तक हिंसक प्रदर्शन करते हैं।केंद्र सरकार बार-बार एक कह रही है आप तथ्यों के साथ आइये बात करिये,लेकिन,ये आंदोलनकारी अब राजनीति करने लगे हैं।इनको अब राजनीति चमकाना है।विपक्ष का इनको समर्थन मिला हुआ है।ये रहा आंदोलनकारियों पहला चेहरा अब देखिये आंदोलनकारियों का दूसरा चेहरा।हरियाणा में बहादुरगढ़ के बाईपास के समीप कसार गांव में कृषि कानून को लेकर किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है।यहां इसी गांव के एक व्यक्ति पर तेल छिड़ककर आग लगा दी गई, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई, घटना का एक वीडियो भी सामने आया है है।बताया जा रहा है कि कसार निवासी मुकेश को यह कह कर आग लगा दिया गया कि वह आंदोलन में शहीद हो गया।आग लगाने से पहले मुकेश को शराब पिलाई गई।मृतक के भाई के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।फ़िलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव कसार निवासी मदन लाल पुत्र जगदीश ने बताया कि उसका भाई मुकेश बुधवार शाम घर से घूमने के लिए निकला था और गांव के साथ ही बैठे किसान आन्दोलनकारियों के पास पहुंच गया। उन्हें फोन से पता चला कि आपके भाई पर आन्दोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़ककर आग लगा दी। वह तुरंत अपने गांव के पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुंचा तो देखा भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए। वहां उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में एक व्यक्ति ने जिसका नाम कृष्ण है और सफेद कपड़े पहने हुए था, पहले उसे शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह झुलस गया। सिविल अस्पताल में गंभीर रूप से झुलसे मुकेश को चिकित्सकों ने रेफर कर दिया, मगर परिजन उसे ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए जहां उपचार के दौरान रात को ही उसकी मौत हो गई। डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस संबंध में पहले संदीप और कृष्ण के खिलाफ जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। मगर मौत होने के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की दस साल की एक बेटी है।