सरकार ने टैक्स अनुपालन या की समयसीमा बढ़ाई गई है. इनकम टैक्स से जुड़े 8 काम ऐसे हैं जिनकी तारीख बदल कर आगे बढ़ा दी गई है ताकि करदाताओं को कोरोना महामारी में कुछ मोहलत मिल सके.कोविड -19 के चलते आयकरदाताओं को टैक्स नोटिसों का जवाब देने में असुविधा हो रही है, इनकम टैक्स से जुड़े कई काम की अवधि पहले की तुलना में बढ़ा दी गई है. इससे लोगों को राहत मिलेगी और वे टैक्स से जुड़े काम निपटाने में ज्यादा वक्त ले सकेंगे. कंपनियों के लिए फार्म -16 के रूप में टीडीएस सर्टिफिकेट कर्मचारियों को देने के लिए समयसीमा 15 जुलाई, 2021 से बढ़ाकर 31 जुलाई, 2021 कर दी गई है,समय सीमा 15 जून, 2021 से बढ़ाकर 15 जुलाई, 2021 की गई थी।
1- टीडीएस स्टेटमेंट की फाइलिंग– सरकार ने इसकी तारीख 30 जून से बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी है,अब 15 जुलाई तक टीडीएस स्टेटमेंट को फाइल किया जा सकेगा।
2-टैक्स डिडक्शन सर्टिफिकेट जारी करना– इसकी नई तारीख बदलकर 31 जुलाई हो गई है जबकि पहले 15 जुलाई थी. सरकार ने इस काम के लिए 15 दिन की मोहलत दी है. यह वो सर्टिफिकेट होता है जिसमें कंपनी की तरफ से किसी कर्मचारी के लिए काटे गए टैक्स की जानकारी होती है। कर्मचारी के टीडीएस या टीसीएस और अन्य ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी होती है।
3-फॉरेन रेमिटेंस स्टेटमेंट फाइल करना- इसकी तारीख भी 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई है. यह ऐसा डॉक्युमेंट है जिसमें पता चलता है कि किसी व्यक्ति को विदेश से इनकम के तौर पर कितना पैसा मिला है. इनकम टैक्स को इसका स्टेटमेंट देना होता है.
4-ट्रस्ट और संस्थानों के रजिस्ट्रेशन का सबमिशन- इस काम की पुरानी तारीख 30 जून थी जिसे बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है. ट्रस्ट या सामाजिक संस्थान शुरू करने पर टैक्स में छूट मिलती है. इनकम टैक्स में सरकार ने इसका खास प्रावधान किया है. ट्रस्ट को मिलने वाला अनुदान आईडी की धारा 80G के तहत छूट प्राप्त होता है। छूट पाने के लिए इनकम टैक्स को जानकारी देनी होती है।
5-इक्वलाइजेशन लेवी के लिए फॉर्म जमा करना- सरकार ने इसकी तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दी है. पहले इसकी तारीख 30 जून तक थी. इक्वलाइजेशन लेवी की शुरुआत 2016 में की गई थी ताकि डिजिटल ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगाया जा सके. विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां भारत से जो कमाई करती हैं, उस डिजिटल ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगता है।
6-नो टीडीएस क्लेम केस का फॉर्म अपलोड करना- 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है. दरअसल जब कंपनी किसी कर्मचारी का ज्यादा टैक्स काट लेती है, जबकि उस वित्तीय वर्ष में टैक्स बनता नहीं है, तो कर्मचारी की तरफ से कम या जीरो टीडीएस का फॉर्म 13 जमा किया जाता है. यह काम नो क्लेम टीडीएस के तहत आता है।
7-डिसप्यूट रिजॉल्यूशन पैनल (DRP) के लिए ऑब्जेक्शन जमा करना- इसकी तारीख 1 जून से 31 अगस्त तक बढ़ा दी गई है. डीआरपी ऑल्टरनेटिव डिसप्यूट रिजॉल्यूशन (ADR) का मेकेनिज्म है जो इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े विवादों को सुलटाता है. इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए एडीआर का गठन किया गया है. अगर इस पर किसी को कोई आपत्ति है तो वह 31 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकता है.
8-सेटलमेंट कमीशन से केस वापस लेने के लिए फॉर्म जमा करना– इसकी तारीख 27 जून से बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दी गई है. सेटलमेंट कमीशन इनकम टैक्स एक्ट के तहत आता है और यह वेल्थ टैक्स एक्ट से जुड़ा है. सेंट्रल एक्साइज एक्ट के तहत कोई अपराध होता है तो सेटलमेंट कमीशन चाहे तो उसमें राहत दे सकता है।