लखनऊ।मोहम्मद उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के खाते में 1.80 करोड़ से ज्यादा जमा होने की जानकारी एटीएस को मिली है। इसमें काफी धनराशि कतर, दुबई और अबुधाबी से भेजी गई है। इसके अलावा इस गैंग के तार कनाडा व फिलीपींस से भी जुड़े हुए हैं।
गौतम के संबंध वर्ष 2015 में फिलीपींस में गिरफ्तार किए गए बिलाल फिलीप से भी हैं। बिलाल आईडीसी से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा उमर गौतम पूर्वोत्तर के राज्य असोम की संस्था ‘मारकाजुल मारिफ’ से भी जुड़ा हुआ है। उसे इस संस्था से भी फंड प्राप्त हुआ है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों के पुलिस कप्तानों को अवैध धर्मांतरण मामले में जांच कराने के लिए पत्र भेजा गया है। इन सभी जिलों में धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का सत्यापन भी कराया जा रहा है।धर्मांतरण गिरोह का सरगना मो. उमर गौतम के कारनामों के राज परत-दर-परत खुल रहे हैं। उमर गिरफ्तारी के पूर्व हसवा कस्बे की एक मस्जिद में आया था। यहां मौलानाओं से गुफ्तगू और तकरीर के बाद दो लोगों के साथ फतेहपुर लौट गया था। मो. उमर गौतम का हसवा कस्बे के गहरा नाता रहा है। रानी तालाब हो या एक बड़ी मस्जिद या फिर मदरसा यहां उमर की गतिविधियां आम थीं। सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी से 20 दिन पहले उमर ने कस्बे के एक मस्जिद में शुक्रवार को होने वाले विशेष आयोजन में शिरकत की थी। यहां तकरीर की करने के बाद मौजूद मौलानाओं से घंटों गुफ्तगू की थी। उमर गौतम का कोर्रा सादात के एक शिक्षण संस्थान में भी आना जाना था। जांच एंजेसियां सामने आ रहे तथ्यों पर सबूत जुटा रही है। फतेहपुर की एक मस्जिद के कव्वाली कार्यक्रम में उमर गौतम भी पहुंचा था। सूत्र बताते हैं कि यहां उमर गौतम का जबरदस्त विरोध हुआ था। आरोप था कि धार्मिक कार्यक्रम में उसके दखल से स्थानीय धर्मगुरुओं का कद कम हो गया है।