मुंबई। कोरोना संकट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा शुल्क में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिए जाने के बाद अब दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में भी स्कूल फीस में 15 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग के पास शुल्क समिति है, जिसके माध्यम से फीस को लेकर फैसले लिए जाते हैं। जबकि स्कूली शिक्षा विभाग के पास शुल्क नियंत्रण कानून के तहत शुल्क नियंत्रण समिति है। इस समिति के पास फीस में कमी करने का अधिकार है।
हाल ही में दिल्ली सरकार ने फीस में कमी करने का फैसला लिया है। स्कूली शिक्षा मंत्री गायकवाड ने कहा है कि हमें भी फीस में कमी करने के लिए कानून में संशोधन करना होगा। इसके लिए मंत्रिमंडल के सामने प्रस्ताव रखने के बारे में हम विचार कर रहे हैं। कोरोना के चलते फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। महामारी के चलते अभिभावकों की आमदनी पर असर पड़ा है। फीस न भरने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से निकाले जाने की घटना सामने आई हैं।
पिछले दिनों गायकवाड ने कहा था कि फीस न भरने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से निकालने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बीते 4 मई को सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों को वार्षिक फीस में कम से कम 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सत्र 2019-20 के लिए स्कूल नियम के अनुसार पूरी फीस ले सकते हैं। लेकिन शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए उन्हें अपनी फीस कम से कम 15 फीसदी कम करनी होगी। स्कूल चाहें तो इससे ज्यादा छूट भी दे सकते हैं।