लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रामनगरी अयोध्या में कहा कि 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले कारसेवकों के घर तक मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इन सड़कों का नाम ‘राम भक्त कारसेवक’ के नाम पर होगा। रामभक्त की फोटो भी लगेगी। तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे भगवान राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बुधवार को अयोध्या पहुंचे थे। इस दौरान डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने करीब 15 अरब रुपये की 996 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इससे पहले उन्होंने रुदौली में कारसेवक रामअचल गुप्ता की प्रतिमा का अनावरण किया। डिप्टी सीएम ने घोषणा की कि देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले सेना के वीर जवानों व आंतरिक सुरक्षा में शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों के घर तक भी ‘जय हिद वीर पथ’ का सरकार निर्माण कराएगी।
उन्होंने कहा कि कारसेवक 1990 में अयोध्या आए थे और रामलला के ‘दर्शन’ चाहते थे। लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे भगवान राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। आज मैं घोषणा करता हूं कि ऐसे सभी कारसेवकों के नाम पर यूपी में सड़कों का निर्माण किया जाएगा। देश व प्रदेश के विकास के लिए कम से कम 25 वर्षों तक भाजपा की सरकार आवश्यक है। वर्ष 2022 के चुनाव में भी कार्यकर्ताओं के दम पर भाजपा तीन सौ अधिक सीटें हासिल कर जीत दर्ज करेगी। ‘यदि मोदी नहीं आते तो क्या राममंदिर निर्माण की राह प्रशस्त हो पाती’। पहले कांग्रेस से जुड़े अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की सुनवाई टालने की मांग करते थे और अब जब मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है तो भी अड़ंगा लगाने की कोशिश विपक्ष के नेता कर रहे हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि हाईस्कूल व इंटर के टापर विद्यार्थियों के घर तक डा. एपीजे अब्दुल कलाम गौरव मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में 53 करोड़ रुपये से 210 मार्गों का निर्माण हुआ है और कई का अभी भी चल रहा है।राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों के घर तक मेजर ध्यानचंद विजय पथ का निर्माण भी होगा।