लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की बढ़ती जनसंख्या विकास की राह में बाधा है। प्रदेश सरकार जो नई जनसंख्या नीति लेकर आई है उससे समाज के हर वर्ग व तबके को जुड़ना होगा, उन्होंने लोगों से अपील की कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी है, मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जनसंख्या नीति सरकार लेकर आई है उससे समाज में खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर पिछले चार दशकों से चर्चा हो रही थी, देश की गरीबी का एक मुख्य कारण जनसंख्या भी है,जो भी जनसंख्या नीति सरकार लेकर आई है उसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है,मुख्यमंत्री ने कहा कि दो बच्चों के बीच अंतर बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि दो बच्चों के जन्म में अंतर् न होने की वजह से कुपोषण का खतरा भी बना रहता है।
योगी सरकार ने नई जनसंख्या नीति का जो मसौदा तैयार किया है अगर यह अधिनियमित हो जाता है तो यह प्रस्तावित कानून गजट प्रकाशित होने के एक साल बाद लागू हो जाएगा. यानी 2022 से प्रदेश में 2030 तक के लिए नई जनसंख्या नीति लागू रहेगी. सरकार द्वारा तैयार मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को प्रोत्साहन देने का प्रावधान तो है ही, साथ ही इसे न मानने वालों के लिए कई सुविधाओं से वंचित करने का भी प्रावधान है। राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार नई जनसंख्या नीति के मुताबिक प्रदेश में जिन लोगों को दो से अधिक बच्चे होंगे वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे. साथ ही ऐसे लोगों को न तो पदोन्नति मिलेगी और न ही किसी तरह की सब्सिडी. इतना ही नहीं ऐसे लोग स्थानीय चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. मसौदे के मुताबिक दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावक 77 तरह की सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ नहीं ले सकेंगे. इस विधेयक के प्रभाव में आने के एक साल के भीतर सभी सरकारी कर्मियों व स्थानीय निकाय में चुने गए जनप्रतिनिधियों एक शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र के बाद भी अगर वे तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने का प्रस्ताव भी मसौदे में है।
नई जनसंख्या नीति के मसौदे के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के उन कर्मचारियों को प्रमोशन, वेतन वृद्धि, आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते देगी जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का पालन करेंगे या जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं. दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी। दो बच्चे पैदा करने वाले वैसे लोग जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं, उन्हें भी पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. सभी माध्यमिक स्कूलों में जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े विषय को पढ़ाने का भी प्रस्ताव है।