तिरुवंनतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक जागरूकता पैदा करने और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को खत्म करने के लिए तिरुवंनतपुरम में अपने आधिकारिक आवास राजभवन में आज एक दिन उपवास रखा है। शायद ये पहली बार है जब कोई राज्यपाल इस तरह के सामाजिक मुद्दे के लिए उपवास कर रहा है। दहेज के कारण राज्य में कई महिलाओं द्वारा आत्महत्या करने के बाद खान को गहरा दुख हुआ था।
पिछले महीने उन्होंने इस बुराई के खिलाफ एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने का वादा किया था। राज्यपाल ने अंतिम वर्ष की आयुर्वेद मेडिकल छात्रा के परिवार से मुलाकात की थी, जिसने पिछले महीने अपने पति द्वारा कथित तौर पर एक महंगी कार की मांग के बाद अपनी जान ले ली थी। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, खान ने मीडिया से कहा था कि गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों को दहेज के खिलाफ एक अभियान के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और वादा किया कि वह एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं। खान ने तब कहा था, “दहेज एक बुराई है और जहां तक कानूनों का सवाल है, वे बहुत मजबूत हैं और इसके खिलाफ एक सामान्य और सामाजिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।”
भारतीय जनता पार्टी नेता एवं केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, केरल की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपवास रखने वाले राज्यपाल को बधाई। इस तरह के मुद्दे उठाने के लिए खान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के प्रशासनिक इतिहास में एक दुर्लभ प्रकरण हो सकता है। पिछले एक महीने में दहेज उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, जिससे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को नए कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है और ऐसे सभी मामलों से निपटने के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है।