नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से सरकार को 30.80 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। जिसको लेकर हमेशा विपक्ष हमला बोलता रहता है। लेकिन रेडियो और दूरदर्शन को ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने नई संजीवनी दी है। इस संबंध की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राज्यसभा में दी। बता दें कि मन की बात’ कार्यक्रम का हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाता है। अब तक 78 एपिसोड प्रसारित किया जा चुका है।
रेडियो और दूरदर्शन के अलावा 91 निजी प्राइवेट चैनलों और डीटीएच प्लेटफॉर्म्स पर भी इसका प्रसारण हुआ है। मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पहले साल यानी 2014-15 में 1.16 रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। इसके बाद 2015-16 में यह आंकड़ा बढ़ते हुए 2.81 करोड़ रुपये हो गया और फिर 2016-17 में यह डेटा 5.14 करोड़ रुपये हो गया। सबसे ज्यादा 10.64 करोड़ रुपये का रेवेन्यू 2017-18 में मिला था। इसके बाद 2018-19 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.47 करोड़ रुपये हो गया। फिर 2019-20 में 2.56 करोड़ रुपये मिले। बीते साल 2020-21 की बात करें तो इस दौरान 1.02 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट हुआ था।
राज्यसभा में अनुराग ठाकुर ने एक सवाल के जवाब कहा कि रेडियो पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश का सबसे लोकप्रिय टेलीवाइज्ड रेडिया प्रोग्राम है। बार्क की रेटिंग के मुताबिक 2018 से 2020 के दौरान मन की बात कार्यक्रम की व्यूअरशिप 6 करोड़ से 14.35 करोड़ के बीच रही है। मंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम का मकसद रेडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचना रहा है। इसके अलावा इस कार्यक्रम से देश के हर नागरिक को पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ने का मौका मिला है। मंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण पूरी तरह से प्रसार भारती के संसाधनों के जरिए ही किया गया है।