नयी दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद पुरस्कार किया गया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि देश भर के नागरिकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के रूप में जाना जायेगा। खेल रत्न पुरस्कार देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है।
मोदी ने ट्वीट किया कि मुझे भारत भर के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध मिल रहे हैं. मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं, उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जायेगा. जय हिन्द!
खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-1992 की गयी थी, विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को यह पुरस्कार दिया जाता है. पहली बार यह सर्वोच्च पुरस्कार शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को मिला था, इस पुरस्कार से सम्मानित अन्य खिलाड़ियों में लिएंडर पेस, सचिन तेंदुलकर, धनराज पिल्ले, पुलेला गोपीचंद, अभिनव बिंद्रा, अंजू बॉबी जॉर्ज, मैरी कॉम और रानी रामपाल हैं।
मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से राजीव गांधी के नाम 2020 में ही हटा दिया था, 2020 में मौजूदा महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को यह पुरस्कार केवल खेल रत्न के नाम से दिया गया था. अब यह अवार्ड मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न अवार्ड के नाम से जाना जायेगा, खेल जगत से जुड़ी हस्तियों ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
कौन थे मेजर ध्यानचंद?
‘हॉकी के जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने भारत को लगातार 3 बार ओलिंपिक में गोल्ड मेडल दिलवाया था, कहा जाता है कि उनके मैच देखने वालों को लगता था कि उनकी हॉकी में कोई चुंबक लगा है, इसलिए एक बार मैच के दौरान उनकी हॉकी तक तुड़वाकर देखी गई थी।
राजीव गांधी की जगह अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा खेल रत्न पुरस्कार
Major Dhyan Chand Khel Ratna Award