मुंबई। महाराष्ट्र के फिलहाल ‘गायब’ पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें खासा बढ़ गई हैं। ईडी के चार बार समन भेजे जाने के बावजूद देशमुख के उसके समक्ष पेश नहीं होने के साथ ही उनके खिलाफ गलत तरीके से कर्ज लिए होने का भी मामला सामने आया है।
कई निजी बैंकों से लिया है गैरकानूनी तरीके से कर्ज: देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह के शिकायत किए के बाद ईडी ने वसूली के प्रकरण में जांच शुरू कर देशमुख के पीए कुंदन शिंदे और पीएस संजीव पालांडे को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, ईडी को अब इस मामले की जांच के दौरान यह पता चला है कि देशमुख ने कई निजी बैंकों से गैरकानूनी तरीके से कर्ज ले रखा है। इस संबंध में ईडी को कुछ ठोस सबूत हाथ लगे हैं। कर्ज लेने के लिए आवश्यक नियमों का उल्लंघन किया जाना प्रकाश में आया है।
कर्ज की राशि की पारिवारिक सदस्यों की कंपनी को ट्रांसफर: अनिल देशमुख के अवैध तरीके से कर्ज लिए होने के इस मामले में उन्हें किसने मदद की, इस बारे में जांच की जा रही है। ईडी के बताए मुताबिक उन्होंने कर्ज की यह राशि अपने पारिवारिक सदस्यों के स्वामित्व की कंपनियों को ट्रांसफर कर दी। इस बारे में गहन जांच के बाद यह जानकारी भी सामने आई है कि इनमें से कुछ कंपनियां हकीकत में हैं और कुछ शेल कंपनियां हैं, जिनकी आगे और भी तहकीकात जारी है।
परमवीर के आरोप वाली मीटिंग पालांडे ने कबूली: अनिल देशमुख के पीएस संजीव पालांडे ने तफ्तीश में ईडी को पुलिस के तबादलों में खासकर आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर में अनिल देशमुख के संलिप्त होने की जानकारी दी है। साथ ही परमवीर सिंह द्वारा 4 मार्च को ज्ञानेश्वरी में हुई बैठक में अनिल देशमुख के पुलिस अफसरों को मुंबई के बार मालिकों से 100 करोड़ की वसूली किए जाने का आदेश देने का भी आरोप अपनी शिकायत में लगाया था, उसे भी पालांडे ने ईडी के समक्ष कबूल किया है।