भोपाल। भारत की जड़ी बूटियों से बनाये गए प्रोडक्ट की सारी दुनिया कायल है। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई जा रही साबुन के लिए अमेरिका से ऑर्डर मिल रहे हैं। कई फ्लेवर में बनाई जा रही साबुन को आदिवासी महिलाएं खेतों में काम करने के बाद इन साबुनों को बनती हैं। बताया जा रहा है कि ये महिलाएं दिन में सोयाबीन काटती हैं और शाम को साबुन बनाती हैं। जबकि साबुन को जूट के पैकिट में पैक किया जाता है। उनकी उपलब्धि पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं को बधाई दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर साबुन बनाने वाली आदिवासी महिलाओं की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि “खंडवा के पंधाना विधानसभा के उदयपुर गांव की बहनों ने अनूठा आयुर्वेदिक साबुन बनाकर अपनी सफलता की गूंज अमेरिका तक पहुंचा दिया। प्रदेश को आप पर गर्व है! बहन श्रीमती रेखाबाई जी, श्रीमती ताराबाई जी, श्रीमती कालीबाई जी को इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई!”
जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र के गांव उदयपुर में रहने वाली आदिवासी महिलाओं द्वारा बकरी के दूध और जड़ी बूटियों से बनाई जाती है। जिसकी कीमत 250 -350 रूपये में बिकती है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पुणे के ली नामक युवक ने उदयपुर में इस प्लांट की शुरुआत की थी और इन महिलाओं साबुन बनाने के लिए ट्रेनिंग दी थी। आज इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। यह खास साबुन कई फ्लेवर में भी मौजूद हैं। जिनमें सुगंधित तेल और दार्जलिंग की चायपत्ती, आम, तरबूज आदि चीजें मिलाकर तैयार किया जाता है।