कोलकाता। ममता बनर्जी को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जाँच अब सीबीआई करेगी। इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि अस्वाभाविक मृत्यु , हत्या और रेप सहित अन्य मामलों की जांच सीबीआई करेगी , जबकि कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय सिट का गठन किया गया है।
बता दें, 3 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने हिंसा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने संबंधित पक्षों से उसी दिन तक कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को भी कहा था. कोर्ट ने आज अपने फैसले में राज्य मानवाधिकार रिपोर्ट को मान्यता दी। हिंसा की जांच के लिए गठित सिट अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की खंडपीठ को सौंपेगा। यदि कोई और शिकायत रहेगी, तो उसे खंडपीठ के समक्ष लाना होगा। इसके साथ ही हिंसा से पीड़ित लोगों को क्षतिपूर्ति देने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। पीठ ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए एनएचआरसी के चेयरमैन को एक कमेटी बनाकर जांच कराने का आदेश दिया था।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी माना है। उसने अपनी सिफारिशों में कहा है कि दुष्कर्म व हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाए और इन मामलों की सुनवाई बंगाल के बाहर हो। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अन्य मामलों की जांच भी कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल से कराई जाना चाहिए। संबंधितों पर मुकदमे के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाई जाए, विशेष लोक अभियोजक तैनात किए जाएं और गवाहों को सुरक्षा मिले। आज मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को मान्यता देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि शीघ्र ही हिंसा से संंबंधित मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दे।