मुंबई। लोकसभा चुनाव के पहले राकांपा अध्यक्ष शऱद पवार और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच नचदिकीया खुब बढ़ी थी। राज ठाकरे ने पवार का लाईन इंटरव्यू किया था पर अब राज ठाकरे महाराष्ट्र में जातिवाद बढ़ने के लिए राकांपा को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मनसे अध्यक्ष ने शुक्रवार को पुणे में शरद पवार को उनके द्वारा लिए गए इंटरव्यू की याद दिलाते हुए कहा कि पवार ने इंटरव्यू के दौरान मुझसे कहा था कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए। राज ठाकरे ने यह भी कहा कि चुनावों में आरक्षण जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए। केवल महिला-पुरुष आरक्षण होना चाहिए। राज ने कहा कि पिछले 15 से 20 सालों में स्कूल और कॉलेजों में जातिभेद पहुंच गया। लोग स्कूलों और कॉलेजों में अपनी-अपनी जाति को देखकर दोस्त बनाने लगे हैं।
शुक्रवार को पुणे में मनसे कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में राज ने पवार के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने राज को प्रबोधनकार ठाकरे के लेखन को पढ़ने की सलाह दी थी। इस पर राज ने कहा कि मैंने प्रबोधनकार और पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के बारे में पढ़ा है। पर मैं पवार के बयान का मतलब समझ नहीं पाया। राज ने कहा कि मैंने जब पवार का साक्षात्कार लिया था, उस वक्त उन्होंने कहा था कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए। राज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव जीता था। इसका अर्थ है कि लोग विकास के मुद्दे पर वोट करते हैं। राज ने कहा कि राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समाज का मोर्चा कैसे निकला? यदि आरक्षण नहीं देना है तो मराठा समाज को स्पष्ट बता देना चाहिए। राज ने कहा कि नगर निकाय चुनावों में जाति के आधार पर आरक्षण की बजाय केवल महिला और पुरुष ऐसे दो वर्ग का आरक्षण होना चाहिए। चुनावी फायदे के लिए पार्टियों में जाति के आधार मोर्चा बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे बयानों का आगामी मनपा चुनावों से कोई संबंध नहीं है।