मैसूर। कर्नाटक की महत्वपूर्ण मैसूर मनपा पर भाजपा का वर्चस्व स्थापित होने में कामयाबी मिली है। मैसूर मनपा की स्थापना के बाद यह पहला अवसर है, जब यहां भाजपा का महापौर बना है। भाजपा की वरिष्ठ नगरसेविका सुनंदा पलनेत्रा ऐतिहासिक शहर मैसूर की नई महापौर निर्वाचित हुई हैं।
जद (से.) की तटस्थता से राह हुई आसान
भाजपा उम्मीदवार सुनंदा पलनेत्रा को इस ऐतिहासिक शहर का ऐतिहासिक रूप से प्रथम नागरिक बनने का गौरव बुधवार 25 अगस्त को हुए महापौर पद के चुनाव में हासिल हुआ। इससे पहले मैसूर मनपा में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ये दो दल सत्ता में थे। मैसूर मनपा में महापौर के चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बातचीत जारी थी। किसी वजह से उनकी बातें थम गईं और इसके बाद जनता दल सेक्युलर इस चुनाव में तटस्थ रही। इससे भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ।
भाजपा है सिंगल लार्जेस्ट
65 सदस्यीय मैसूर मनपा में भाजपा अकेली सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के कुल 23 सदस्य हैं। कांग्रेस के 19 और जनता दल सेक्युलर के 17 सदस्य हैं। इसके अलावा 5 निर्दलीय और एक बसपा सदस्य हैं।
अयोग्य करार दी गई थीं पूर्व महापौर
इससे पूर्व जनता दल सेक्युलर की रुक्मिणी मेडगौड़ा मैसूर की महापौर थीं। लेकिन चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के आरोप के चलते उनके खिलाफ हाईकोर्ट में मुकदमा चला। फैसला उनके खिलाफ आया, इसलिए उन्हें न सिर्फ इस पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया, बल्कि उनका प्रतिनिधित्व भी रद्द कर दिया गया। नतीजतन, मैसूर के महापौर का पद रिक्त पड़ा था।