मुंबई। एक प्रसिद्ध कहावत है, ‘चोर चोर मौसरे भाई’ कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति का है। भ्रष्टाचार के चलते केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर आए महा विकास आघाडी नेताओं को बचाने के लिए सत्तासीन तीन दल विपक्षी भाजपा के साथ एक जुट होकर लड़ेंगे। यह ‘गठबंधन’ लोकल बॉडी इलेक्शन से लेकर ईडी की जांच से बचने के लिए होगा।
भाजपा के खिलाफ यह है मंशा: राज्य की सत्ताधारी महाविकास आघाडी के नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से परेशान राकांपा के मंत्री चाहते हैं कि सत्ताधारी तीनो दल मिलकर भाजपा का मुकाबला करें। मंगलवार रात राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में हुई बैठक में स्थानीय निकाय चुनाव में तीनों दलों के मिलकर चुनाव लड़ने और भाजपा को पराजित करने पर सहमति बनी। मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में हुई बैठक में अपने मंत्रियों की राय जानने के बाद शरद पवार ने शिवसेना-कांग्रेस व राकांपा के एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत दिए। वैसे तो यह बैठक मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी पर बैठक में अधिकांश समय स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर चर्चा हुई।
जिलों की जिम्मेदारी सौपी: इस दौरान पवार ने पालकमंत्री व संपर्क मंत्रियों से उन जिलो की राजनीति परिस्थितियों की जानकारी ली जहाँ की जिम्मेदारी उन्हें सौपी गई है। स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए पार्टी नेताओं को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिन महानगर पालिका में भाजपा ज्यादा मजबूत है, वहाँ तीनो दलों के मिल कर चुनाव लड़ने को लेकर मित्र दलों से बात की जाएगी। जबकि कुछ जगहों पर स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए गठबंधन का निर्णय लिया जाएगा। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अदालत के आदेश से ओबीसी आरक्षण कम हुआ है। इस लिए जल्दबाजी में चुनाव कराना सही नहीं होगा। कई मंत्रियों ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का मामला हल हुए बैगर चुनाव नहीं होने चाहिए।
15 दिनों में महामंडलों का बंटवारा: महाविकास आघाडी सरकार बने दो वर्ष होने को हैं पर अभी तक महामंडलों में नियुक्ति नहीं हो सकी । नियुक्ति को लेकर नामों पर चर्चा हो गई है। आगामी 15 दिनों में घोषणा कर दी जाएगी। बैठक में कई वरिष्ठ मंत्रियों ने कहा कि भाजपा द्वारा ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। इसके पहले हुई दिनों दलों की समन्वय समिति की बैठक में भी शिवसेना नेताओ के खिलाफ ईडी के एक्शन पर चर्चा हुई। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने शिवसेना नेता सुभाष देसाई को भरोसा दिलाया कि हम आप के साथ हैं।
15 दिनों में महामंडलों का बंटवारा: महाविकास आघाडी सरकार बने दो वर्ष होने को हैं पर अभी तक महामंडलों में नियुक्ति नहीं हो सकी । नियुक्ति को लेकर नामों पर चर्चा हो गई है। आगामी 15 दिनों में घोषणा कर दी जाएगी। बैठक में कई वरिष्ठ मंत्रियों ने कहा कि भाजपा द्वारा ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। इसके पहले हुई दिनों दलों की समन्वय समिति की बैठक में भी शिवसेना नेताओ के खिलाफ ईडी के एक्शन पर चर्चा हुई। कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने शिवसेना नेता सुभाष देसाई को भरोसा दिलाया कि हम आप के साथ हैं।