मुंबई। कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तालीबान से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना किए जाने पर गीतकार व लेखक जावेद अख्तर ट्वीटर पर लोगों के निशाने पर हैं। हिंदूवादी संगठनों व बीजेपी ने जावेद अख्तर का विरोध करने के साथ उनसे माफी की मांग की है। शिवसेना ने भी अख्तर के बयान को गलत ठहराया है। एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि तालिबान बर्बर हैं, उनकी हरकतें निंदनीय हैं। मगर आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं। जावेद अख्तर ने कथित तौर पर यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जनसंख्या भी काफी हद तक धर्मनिरपेक्ष है, पर कुछ ऐसे भी हैं जो आरएसएस और वीएचपी जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं और नाजियों के समान विचारधारा रखते हैं। जावेद अख्तर के बयान के बाद सियासी परा चढ़ गया है। बीजेपी ने इस बयान पर घोर आपत्ति जताई है। बीजेपी ने गीतकार-लेखक जावेद अख्तर से माफी की मांग की है। कई हिंदूवादी संगठनों ने उनकी फिल्म न चलने की धमकी दी है।
सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना
#सर RSS उम्र में आपसे बड़ा है। इसका मतलब है कि आप बचपन से इसके साथ रह रहे हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप तालिबान के खिलाफ एक बार अपना मुंह खोलो।
#इस आदमी और उसके परिवार का बहिष्कार करो…वह भारत में आनंद ले रहा है, उसका पूरा परिवार हिंदुओं से अच्छी कमाई कर रहा है, लेकिन वह भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलता रहता है।
# अगर RSS तालिबान जैसा हो जाएगा, तो भारत में कोई भी कट्टर मुसलमान नहीं रह सकता।
#मुझे लगता है कि इस आदमी को मानसिक शरण में भेज देना चाहिए।
#RSS की तालिबान से तुलना करना हिंदुत्व के खिलाफ मूर्खता और नफरत की निशानी है।
#जावेद अख्तर को याद रखना चाहिए कि अगर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तालिबानों की तरह होता, तो जावेद अख्तर या किसी भारतीय मुसलमान के लिए भारत में सेलिब्रिटी होना मुश्किल होता।
#हिंदुत्व की विचारधारा से इतना डरते क्यों हैं?