मुंबई। इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। शहर के अस्पतालों के आईसीयू वार्ड में बड़ी संख्या में फिर से कोविड-19 के मरीज भर्ती हो रहे हैं। इसमें अहम बात यह है कि आईसीयू (ICU) में भर्ती दो-तिहाई लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है। मुंबई में बढ़ रहे गंभीर कोरोना केस का कारण अस्पतालों ने वैक्सीन न लगवाने को बताया है। अंधेरी स्थित सेवनहिल्स अस्पताल में मलाड की 22 साल की विभा तिवारी को कोविड-19 संक्रमण होने के बाद भर्ती कराया गया है। विभा को हृदय रोग भी है। इससे उनकी स्थिति चिंताजनक हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विभा तिवारी 6 दिनों से आईसीयू में भर्ती हैं। अब उनका परिवार चाह रहा है कि उनका टीकाकरण हो सके। सेंट जॉर्ज अस्पताल में कोल्हापुर की 40 साल की अनुसूया अवघड़े को कोरोना संक्रमण के साथ-साथ जानलेवा म्यूकरमाइकोसिस भी है।
इसके कारण उनकी एक आंख प्रभावित हुई है। उनके बेटे का कहना है कि उनके गांव में टीकाकरण देरी से शुरू हुआ था। गांव को कोरोना वैक्सीन की रोजाना 50 से 100 डोज ही मुश्किल से मिल पाती थीं.रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सेवन हिल्स अस्पताल के आईसीयू में मुंबई के लगभग एक तिहाई गंभीर कोरोना मरीज भर्ती हैं। इनमें से लगभग 68 फीसदी मरीजों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. 133 मरीजों में से 91 मरीजों ने एक भी डोज नहीं ली है.वहीं सेंट जॉर्ज अस्पताल में आईसीयू में भर्ती 8 में से 7 मरीजों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है। सिर्फ एक ही मरीज ने वैक्सीन लगवाई है। शहर के अन्य अस्पतालों का भी यही हाल है. मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती नौ में से पांच को टीके की एक डोज लगवाई गई है। जबकि दो को कोई टीका नहीं लगाया गया है। गोरेगांव में नेस्को जंबो फैसिलिटी की बात करें तो वहां इस साल मार्च के बाद से 693 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इनमें से 93 फीसदी मरीजों को वैक्सीन नहीं लगी थी। पीड़ितों के परिवारों का कहना है कि उनके मरीज वैक्सीन लेने के लिए तैयार नहीं थे, जबकि अन्य का कहना है कि मरीजों को कोरोना होने से पहले वैक्सीनेशन में देरी हुई थी।