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Friday, September 20, 2024
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तीसरी लहर की आहट, महाराष्ट्र और केरल को केंद्र सरकार की चेतावनी

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। बढ़ते केसों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि ये तीसरी लहर की आहट है। पीएम मोदी भी शुक्रवार को कोरोना को लेकर हाई लेवल मीटिंग किये। महाराष्ट्र में एक दिन में 4154 कोरोना के केस सामने आये हैं। जबकि केरल की बात करें तो 25010 लोग कोरोना से पॉजिटिव पाए गए हैं। केंद्र सरकार दोनों राज्यों को किसी भी तरह के ढिलाई नहीं देने को कहा है। केंद्र ने कहा है कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय है।

सरकार की यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है, जब शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने ‘कोविड इमरजेंसी रिस्पांस पैकेज दो के तहत बाल चिकित्सा देखभाल और अन्य सुविधाओं के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्धि की स्थिति की समीक्षा की।
राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में हालात से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को फिर से डिजाइन और तैयार करने की सलाह भी दी गई है। बता दें कि ऐसी आशंका जताई गई है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरे लहर दस्तक दे सकती है। कहा गया कि राज्यों को जिला स्तर पर कोविड-19, म्यूकरमाइकोसिस , एमआईएस-सी के प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के लिए ‘बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए कहा गया है। बयान के अनुसार इस बात पर चर्चा हुई कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक बनी हुई है। भारत में भी महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है।
हालांकि, लगातार 10वें सप्ताह साप्ताहिक संक्रमण दर तीन प्रतिशत से कम रही। पीएम मोदी ने ऑक्सीजन सांद्रक, सिलेंडर और पीएसए संयंत्रों सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इससे जुड़े समूचे तंत्र को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सरकार ने कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक पीएसए संयंत्र लगाने के उद्देश्य के साथ 961 तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन भंडारण टैंक और 1,450 चिकित्सकीय गैस पाइपलाइन सिस्टम स्थापित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क को भी बढ़ाया जा रहा है।

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