केंद्रीय मंत्री ने ANI से बात करते हुए कहा, “किसी भी सरदार (सिख) को देशद्रोही या खालिस्तानी नहीं कहा जाना चाहिए। आप कुछ गुमराह लोगों के आधार पर सामान्यीकरण नहीं कर सकते।”
बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नेहरू और वाजपेयी जैसे नेताओं के पास जम्मू-कश्मीर के लिए दूर की सोच थी, लेकिन यह सरकार हिंदू और मुसलमानों को बांटती है। सरदार अब खालिस्तानी हैं, हम पाकिस्तानी हैं, सिर्फ बीजेपी ही हिंदुस्तानी है। केंद्रीय मंत्री ने मुफ्ती की इस टिप्पणी पर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ‘पगड़ी पहने लोग सीमाओं पर देश की सेवा कर रहे हैं और उनका ये बयान उनका अपमान होगा’।
इसके अलावा, पुरी ने कहा कि ‘उन्हें गर्व महसूस होता है कि वह एक ऐसे राजनीतिक दल के सदस्य हैं जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता की परवाह करता है’। मुफ़्ती ने कहा “दिल्ली के लोग जम्मू-कश्मीर को लैब के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां प्रयोग कर रहे हैं। नेहरू और वाजपेयी जैसे नेताओं के पास जम्मू-कश्मीर के लिए एक विजन था लेकिन केंद्र सरकार हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करती है। सरदार अब खालिस्तानी हैं, हम पाकिस्तानी हैं, केवल बीजेपी ही हिंदुस्तानी है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार स्कूलों और कॉलेजों के नाम बदलने में बिजी है लेकिन बेरोजगार बच्चों की देखभाल नहीं कर रही है।”