लेह। महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती पर दुनिया के सबसे बड़े खादी राष्ट्रीय ध्वज का लद्दाख के लेह में अनावरण किया गया। लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने इस राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण किया।इस राष्ट्रीय ध्वज को लेह के जनस्कार पहाड़ी फहराया गया। इस दौरान उन्होंने सम्बोधित भी किया। इस ध्वज की लम्बाई 225 फीट, जबकि चौड़ाई 150 फीट है। वहीं, इस ध्वज का वजन एक हजार किलो है। बताया जा रहा है कि इस राष्ट्रीय ध्वज को मुंबई स्थित सेना की 57 इंजीनियर रेजिमेंट ने बनाया है। इस राष्ट्रीय ध्वज को भारत के सभी महत्वपूर्ण स्मारकों और रणनीतिक स्थानों इस ध्वज को प्रदर्शित करने का विचार कर रही है।
#WATCH World's largest Khadi national flag installed in Leh town, inaugurated by Ladakh Lieutenant Governor RK Mathur
Army Chief General Manoj Mukund Naravane also present pic.twitter.com/6lNxp0lM0n
— ANI (@ANI) October 2, 2021
लेह में दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज के अनावरण कार्यक्रम में वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा तिरंगे के सम्मान में फ्लाई पास्ट का आयोजन किया गया। विश्व के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज के अनावरण के बाद लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर ने कार्यक्रम को भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम के बाद भारत-चीन सीमा पर गतिरोध की स्थिति पर को लेकर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है। सेना प्रमुख ने आगे कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि डिसएंगेजमेंट कैसे होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘धीरे-धीरे सभी टकराव वाले बिंदु हल हो जाएंगे। मेरा दृढ़ मत है कि हम अपने मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि हम परिणाम हासिल करने में सक्षम होंगे।
Ladakh | The situation over last 6 months has been quite normal. We're hopeful of having the 13th round of talks in the second week of October and reach a consensus on how disengagement will take place: Army Chief to ANI on standoff situation on the India-China border pic.twitter.com/FiuenLFb3D
— ANI (@ANI) October 2, 2021
‘बता दें कि इस राष्ट्रीय ध्वज को 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे पर हिंडन ले जाएगा। इसे मुंबई की कंपनी केवीआईसी ने तैयार किया है। इसे ध्वज को बनाने में 4500 मीटर खादी के कपडे का इस्तेमाल किया गया है।