नागपुर। विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को नागपुर मुख्यालय में अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने शास्त्रों की पूजा की। इससे पहले उन्होंने डॉ. हेडगेवार और गुरूजी गोलवलकर के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने पाकिस्तान ,चीन के रवैये पर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि रामंदिर हमारा है और हमने उसे वापस लिया।
समाज को जोड़ने वाली भाषा की जरूरत: इस मौके पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए सभी ने संघर्ष किया है। स्व के आधार पर देश को खड़ा करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि विभाजन का दर्द भूल नहीं सकते। विभाजन के वक्त की गलती दोहराना नहीं हैं। भागवत ने कहा कि भेदरहित समाज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जातीय विषमता की समस्या बहुत पुरानी है। शत्रुता अलगाव की वजह से विभाजन पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने वाली भाषा की जरूरत है। भेदरहित समाज की जरूरत, मंदिर, पानी और श्मशान एक हों।
संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता बनाने में जुटे हैं: भागवत ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता बनाने में जुटे हैं। यह वर्ष श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के प्रकाश का 400वां वर्ष है। डॉ. भागवत ने कहा कि विभिन्न जातियों, समुदायों और विभिन्न क्षेत्रों के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए महान बलिदान और तपस्या की। समाज ने भी एक एकीकृत इकाई के रूप में गुलामी का दंश सहा है। भागवत ने कहा कि समाज की आत्मीयता व समता आधारित रचना चाहने वाले सभी को प्रयास करने पड़ेंगे। सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं।
राम मंदिर हमारा है,हमने उसे वापस लिया: मोहन भागवत ने कहा कि यह वर्ष विदेशी शासन से हमारी स्वतंत्रता का 75 वां वर्ष है. 15 अगस्त, 1947 स्वाधीनता से स्वातंत्रता तक की हमारी यात्रा का प्रारंभिक बिंदु था। डॉ. मोहनजी भागवत ने कहा कि यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है। 15अगस्त 1947 को हम स्वाधीन हुए। हमने अपने देश के सूत्र देश को आगे चलाने के लिए स्वयं के हाथों में लिए। स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा का वह प्रारंभ बिंदु था, हमें यह स्वाधीनता रातों रात नहीं मिली। भागवत ने कहा कि देश में अराजकता पैदा करने की साजिश रची गई। छोटी घटनाओं को बड़ा करके बताया जा रहा है। ओटीटी पर कोई नियंत्रण नहीं है। राम मंदिर पर बोलते हुए भागवत ने कहा कि राम मंदिर हमारा है और हमने उसे वापस लिया।
राम मंदिर हमारा है,हमने उसे वापस लिया: मोहन भागवत ने कहा कि यह वर्ष विदेशी शासन से हमारी स्वतंत्रता का 75 वां वर्ष है. 15 अगस्त, 1947 स्वाधीनता से स्वातंत्रता तक की हमारी यात्रा का प्रारंभिक बिंदु था। डॉ. मोहनजी भागवत ने कहा कि यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है। 15अगस्त 1947 को हम स्वाधीन हुए। हमने अपने देश के सूत्र देश को आगे चलाने के लिए स्वयं के हाथों में लिए। स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा का वह प्रारंभ बिंदु था, हमें यह स्वाधीनता रातों रात नहीं मिली। भागवत ने कहा कि देश में अराजकता पैदा करने की साजिश रची गई। छोटी घटनाओं को बड़ा करके बताया जा रहा है। ओटीटी पर कोई नियंत्रण नहीं है। राम मंदिर पर बोलते हुए भागवत ने कहा कि राम मंदिर हमारा है और हमने उसे वापस लिया।
जनसंख्या नियंत्रण पर विचार की जरूरत: भागवत ने कहा कि उन्होंने कहा कि सबके लिए समान नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर फिर से विचार की जरूरत है। घुसपैठियों को नागरिकता के अधिकार से दूर रखने की जरूरत है। घुसपैठ वाले इलाकों में जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है। सीमा सुरक्षा को लेकर और सावधानी की जरूरत है। कश्मीर को लेकर भागवत ने कहा कि कश्मीर में 370 हटने से जनता को अच्छे लाभ मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान का तालिबान से गठबंधन है। भारत को लेकर चीन का रवैया नहीं बदला है। तालिबान का चरित्र सबको पता है। पाकिस्तान अब भी तालिबान के साथ है।