काबुल। एक ओर तालिबान खुद को बदलने, कोर्ट की बातें मानने और लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कर रहा है ,तो दूसरी तरफ गुरुद्वारा में घुसकर तालिबानी आतंकी लोगों को डरा रहे हैं। खबर है कि शुक्रवार को काबुल स्थित एक गुरुद्वारा में दूसरी बार तालिबानी आतंकियों ने घुसकर वहां के लोगों डराया धमकाया और तलाशी ली। यह घटना गुरुद्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह करता परवन में हुई।
स्थानीय सिख समुदाय के एक सदस्य ने द इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया, ‘तालिबान आतंकी गुरुद्वारा में घुसे। उन्होंने गुरुद्वारा की तलाशी शुरू की और दावा किया कि हमने राइफल और हथियार छिपाए हुए हैं। उन्होंने हमारे सांसद नरिंदर सिंह खालसा के कार्यालय की भी तलाशी ली, जो इस समय भारत में हैं।’ उसने कहा, ‘हमारे गुरुद्वारे के अध्यक्ष और समुदाय के नेताओं ने हस्तक्षेप किया।
उन्होंने तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन करके बताया कि यहां क्या हो रहा है। मस्जिदों में हुए बम धमाकों से सैकड़ों शिया मुसलमानों की मौत हुई है, जिससे हिंदू और सिख बहुत डरे हुए हैं। हम बस इतना चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए। हम मरना नहीं चाहते।’इससे पहले, पांच अक्टूबर को हथियारबंद तालिबानी आतंकी ने गुरुद्वारे के अंदर घुसकर परिसर में तोड़फोड़ की थी। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ दिया था और गुरुद्वारे के सुरक्षा गार्डों को डराया धमकाया। इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने कहा, ‘मुझे काबुल में मुसीबत में फंसे सिख समुदाय के फोन आ रहे हैं।
आज दोपहर करीब 2 बजे अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात की विशेष इकाई से होने का दावा करने वाले भारी हथियारों से लैस अधिकारी जबरन काबुल स्थित गुरुद्वारा दशमेश पिता करते परवान में घुस गए। उन्होंने गुरुद्वारे के अंदर मौजूद समुदाय के लोगों को धमकाया और पवित्र स्थान की पवित्रता को भंग किया।’बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बहुत से भारतीय स्वदेश लौट आये लेकिन अभी भी वहां कुछ लोग रह गए हैं। बताया जा रहा है कि अभी लगभग 180 लोग मौजूद थे।