नई दिल्ली। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पंढरपुर में सोमवार को संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास किया। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुए इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी कार्यक्रम को सम्बोधित भी किया। पीएम इस दौरान वारकरी आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य है, ”भेदाभेद अमंगल।”
पीएम मोदी ने कहा, ‘ये यात्राएं अलग अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है। ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है. जो हमें सिखाती है कि मार्ग अलग अलग हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है। अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं। भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है। यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है।’ उन्होंने कहा, ‘पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात् श्री नारायण हरि की सेवा है।
Prime Minister Narendra Modi lays foundation stone of four laning of key sections of Sant Dnyaneshawar Maharaj Palkhi Marg and Sant Tukaram Maharaj Palkhi Marg. pic.twitter.com/xWFzZin8dw
— ANI (@ANI) November 8, 2021
ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं। ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी महाराज ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी। वारकरी आंदोलन की और एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति। पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं। वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगल। ’’