बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने पूछा कि एफआईआर में जो धाराए लगाई गई हैं उसका क्या आधार है। अदालत ने कंगना को 25 जनवरी 2022 तक गिरफ्तारी से राहत प्रदान की है। इस बीच कंगना के वकील ने अदालत को बताया कि आगामी 22 दिसंबर को खंगना खार पुलिस स्टेशन जाकर अपना बयान दर्ज कराएंगी।
कंगना के वकील ने अदालत में कहा कि धारा 295 ए के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए जानबूझकर गलत इरादे से किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को आहत करने की नीयत नजर आनी चाहिए लेकिन मौजूदा मामले में रनौत की ऐसी कोई नीयत नजर नहीं आती। खंडपीठ ने भी अभिनेत्री की सोशल मीडिया पोस्ट देखने के बाद इस बात पर सहमति जताई। खंडपीठ ने पुलिस से भी पूछा कि इसमें जानबूझकर गलत इरादे से दिया गया बयान कहां नजर आ रहा है।
इसके बाद खंडपीठ ने पुलिस से पूछा कि क्या वह मामले में अभिनेत्री को गिरफ्तार करना चाहती है। पुलिस का पक्ष रख रहीं वरिष्ठ सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि खार पुलिस ने 1 दिसंबर को अभिनेत्री को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। 41 ए के तहत उन मामलों में नोटिस भेजा जाता है जिनमें तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं होती लेकिन पूछताछ के लिए आरोपी को पुलिस के सामने पेश होना होता है। अभिनेत्री के वकील ने कहा कि वे मामले में पुलिस के सामने पेश होना चाहतीं हैं लेकिन उन्हें गिरफ्तारी का डर है।
खंडपीठ ने पुलिस से कहा कि उसे साफ करना होगा कि वह अभिनेत्री को गिरफ्तार करना चाहती है या नहीं। यहां बोलने की आजादी का एक बड़ा सवाल है। अगर पुलिस कंगना को गिरफ्तार न करने को लेकर कुछ नहीं कहती है तो हमें उन्हें राहत देनी होगी। इसके बाद रनौत के वकील ने कहा कि वे 22 दिसंबर 2021 को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन जाकर बयान दर्ज कराएंगी। इसके बाद पई ने पुलिस को कहा कि कंगना को मामले की अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अदालत 25 जनवरी 2020 को मामले की अगली सुनवाई करेगी।
ये भी पढ़ें
आर्यन खान ने जमानत की शर्तों में ढील देने कोर्ट में दायर की याचिका