देश भर मकर संक्रांति अलग-अलग नामों से मनाई जाती है। इस दौरान कई सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां होती है। इस दौरान नए पकवान के साथ कई अन्य परम्पराओं को भी मानते हैं। भारत में तीज त्योहारों पर लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं लेकिन महाराष्ट्र में मकर संक्रांति पर इसके उल्ट काला कपड़ा पहनने का चलन है। यह परम्परा महाराष्ट्र में काफी प्रसिद्ध है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति को सूर्य उत्तर दिशा में प्रवेश करता है। जिसके कारण माना जाता है कि अब सर्दी का मौसम खत्म हो गया। हालांकि ,इससे पहले सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि काला कपडा गर्मी को सोखता है। इसलिए लोग गर्मी को बरकरार रखने के लिए काला कपड़ा पहनते है ,जिसके कारण शरीर में गर्मी बनी रहती है। साथ ही सर्दी से बचाव किया जा सके और मकर संक्रांति के अवसर पर खूब धूमधाम से त्यौहार मनाया जा सके।
मकर संक्रांति पर भारत के कुछ हिस्सों में दही-गुड़ और तिल दान किया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन इन चीजों को दान करने पर घर परिवार सुख शांति आती और इसे शुभ भी माना जाता है। कई स्थानों पर मकर संक्रांति के अवसर पर सुहागिनों द्वारा कुमकुम भी लगाया जाता है।
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