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पंडितों का पलायन : जम्मू-कश्मीर वापसी, सैकड़ों को मिली उनकी संपत्ती – गृह राज्य मंत्री

कहा, फारेन ट्रिब्यूनल ने राज्य में 1,43,466 लोगों को विदेशी करार दिए गए हैं। ये लोग घुसपैठ कर भारत में आए। इनमें से 329 को उनके मूल देश वापस भेजा जा चुका है, जिनमें से 1,21,589 लोगों को भारतीय घोषित किया गया है।

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जम्मू-कश्मीर में वर्ष 1980-90 के बीच आतंकवाद के कारण अपनी जमीन-जायदाद छोड़कर सुरक्षित स्थान प​​र पलायन किये कश्मीरी पंडितों में से 610 की संपत्ति उन्हें वापस दिला दी गई है। इनमें से ज्यादातर जम्मू के शिविरों में आकर रहने लगे थे। इसकी जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दी है। कहा कि की कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए राज्य सरकार ने तीन हजार नौकरियां सृजित की हैं,यह नौकरियां पीएम विकास पैकेज-2015 के तहत दिए गए 1,080 करोड़ रुपये के व्यय से सृजित हुई हैं।

वही उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में राज्यसभा को बताया कि असम में कार्य कर रहे फारेन ट्रिब्यूनल ने राज्य में 1,43,466 लोगों को विदेशी करार दिए गए हैं। ये लोग घुसपैठ कर भारत में आए। इनमें से 329 को उनके मूल देश वापस भेजा जा चुका है, जिनमें से 1,21,589 लोगों को भारतीय घोषित किया गया है। आगे उन्होंने बताया की वर्ष 2018-20 तक के आकड़ों में बैंक का कर्ज वापस न कर पाने के कारण 16 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, जबकि बेरोजगारी के चलते 9,140 लोगों ने अपनी जान दी।

पिछले पांच साल में करीब 1,900 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के एफसीआरए (फारेन कंट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट) लाइसेंस रद किए हैं। इन लाइसेंसों के आधार पर ही एनजीओ को विदेश से चंदा मिलता है। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दी है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई 2017 से 2021 के बीच की गई। वही उन्होंने राज्य सभा को बताया कि केंद्रीय पुलिस बलों के 1,439 कर्मी पर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें सर्वाधिक 481 मामले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कर्मियों के हैं।

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