कलिना में मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के आवास का बिजली बिल लाखों में है और पिछले 11 वर्षों में कुल 25,25,272 रुपये खर्च किए जाने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई यूनिवर्सिटी ने दी हैं। वर्तमान वाइस चांसलर डॉ. सुहास पेडनेकर ने कुल बिजली बिलों में से आधे से अधिक का उपयोग किया है और पिछले 4 वर्षों से 13 लाख रुपये की बिजली का उपयोग किया है। डॉ. सुहास पेडनेकर पिछले 3 वाइस चांसलर की तुलना में बिजली बिल के उपयोग में अग्रणी हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के आवास पर इस्तेमाल होने वाले बिजली बिल और अन्य विवरणों के बारे में पूछताछ की थी। मुंबई यूनिवर्सिटी ने अनिल गलगली को वर्ष 2011 से वर्ष 2021 तक के 11 साल के बिजली बिल के आंकड़े दिए हैं। इन 11 वर्षों में डॉ. राजन वेलुकर, डॉ. संजय देशमुख और डॉ. सुहास पेडनेकर मुंबई यूनिवर्सिटी के लिए 3 वाइस चांसलर थे। डॉ. सुहास पेडनेकर पिछले 4 वर्षों में डॉ. वेलुकर और डॉ. देशमुख द्वारा अपने 7 साल के कार्यकाल में जितनी राशि का उपयोग किया गया है, उससे अधिक बिजली का उपयोग डॉ पेडनेकर कर रहे हैं।
डॉ वेलूकर और डॉ देशमुख ने अपने कार्यकाल में वर्ष 2011 में 1.51 लाख, वर्ष 2012 में 1.54 लाख, वर्ष 2013 में 1.82 लाख, वर्ष 2014 में 2.42 लाख, वर्ष 2015 में 1.71 लाख, वर्ष 2016 में 12.66 लाख वहीं वर्ष 2017 में 1.89 लाख ऐसी रकम अदा की गई हैं। वहीं डॉ सुहास पेडनेकर ने सभी वाइस चांसलर को पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2018 में 3.39 लाख, वर्ष 2019 में 2.22 लाख, वर्ष 2020 में 5.55 लाख और वर्ष 2021 में 1.89 लाख रुपए की बिजली का इस्तेमाल किया हैं। डॉ सुहास पेडनेकर ने सिर्फ 4 वर्ष में 13 लाख की बिजली का इस्तेमाल किया वहीं डॉ वेलूकर और डॉ देशमुख ने 7 वर्ष में 12 लाख की बिजली का इस्तेमाल किया हैं।
अनिल गलगली के अनुसार, आवास और सुविधाएं प्रदान करने के बावजूद, बिजली का कम उपयोग होने की उम्मीद है। यद्यपि वेतन की तुलना में सुविधाओं की लागत पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन नैतिकता की दृष्टि से ऐसी सुविधाओं का उपयोग कम से कम करने की आवश्यकता हैं।
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