करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। मलिक को अंडरवर्ल्ड से संबंध और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद मलिक को अस्पताल ले जाया गया उसके बाद उन्हें कोर्ट पेश किया गया।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) केंद्रीय जांच एजेंसी (सीआईए) पर कानूनी जवाब देने के बजाय राष्ट्रीय हित के मामले की जांच करने पर दबाव क्यों डाल रही है? जांच एजेंसियों को आखिरी बदनाम क्यों किया जा रहा है? भाजपा नेता विधायक आशीष शेलार ने यह सवाल करते हुए कहा कि है नवाब का नकाब अब उतर चुका है। मुखौटा बन गई है। आशीष शेलार ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई पर बार-बार बीजेपी का नाम लिया जा रहा है।
शेलार ने बीजेपी की भूमिका बताते साफ करते हुए कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और एनआईए पिछले कुछ महीनों से अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की संपत्ति की जांच कर रही है। चूंकि ऐसे मामलों में कोई जवाब नहीं दिया जा सकता है, इसलिए महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल भाजपा के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। जांच एजेंसियों पर बिना कानूनी साधनों का इस्तेमाल किए अदालत में जाने और सार्वजनिक रूप से बोल कर दबाव क्यों बनाया जा रहा है? क्यों जांच तंत्र से छेड़छाड़ की जा रही है?, क्यों यह मानहानि? जांच एजेंसियों को अपना काम करने दीजिए, खासकर देश हित में मुद्दों का राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच में सारा सच सामने आएगा।
जहां सरकार से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने और उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने की उम्मीद की जा रही है, वहीं इन संपत्तियों को एक-दूसरे को बेचा जा रहा है, इन्हें स्थानांतरित किया जा रहा है, इसमें बड़े लेनदेन हो रहे हैं और इसके लिए पैसा कहां से आ रहा है? पिछले कुछ दिनों से जांच की जा रही है। अभी और सच्चाई सामने आने की जरूरत है। दाऊद की बहन हसीना पारकर, सरदार शाहवाली खान, सलीम पटेल, इकबाल कास्कर पिछले कुछ दिनों में मीडिया में चर्चा में हैं। ऐसे में महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी दबाव बनाकर इस जांच में बाधा डालने की कोशिश क्यों कर रही है?
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