उत्तर प्रदेश चुनाव-2022 पर पाकिस्तानी समाचार पत्र भी अपनी पैनी नजर रखी हुई है| वही एक्जिट पोल के आकड़े के मद्देनजर अखबार ने नई दिल्ली स्थिति थिंक टैंक, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के फेलो राहुल वर्मा को कोट करते हुए लिखा है कि, ”अगर भाजपा हारती है तो खासकर यूपी में, तो यह एक बड़ा झटका होगा।” राहुल वर्मा ने कहा कि, ”लेकिन आप इसे सेमीफाइनल कह सकते हैं।
वही,पाकिस्तानी अखबार ‘ डॉन ने अपने लेख में पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार सुनीता एरोन को कोट किया है, जिसमें सुनीता एरोन ने कहा कि, योगी आदित्यनाथ अपनी हिंदू राजनीति और विचारधारा पर खुलेआम बोलते हैं। उन्होंने खुद को एक हिंदू नेता के रूप में पेश किया है और यही उनके लिए भीड़ और वोट लाता है। ” पाकिस्तानी अखबार ने लिखा है कि, ‘हिंदू तपस्वी योगी की रैलियों में कोरोना प्रतिबंधों के बाद भी भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है और लोग उनका जय-जयकार करते हैं।
डॉन अखबार ने योगी आदित्यनाथ के बारे में लिखा है कि, ”उनकी राजनीतिक शैली उनकी पार्टी के साथ मेल खाती है, जिस पर चुनावी लाभ के लिए धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है, जो भारत की लंबे समय से पोषित धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक साख पर सवाल उठाती है। योगी आदित्यनाथ भी मोदी के नक्शे-कदम पर ही चलते दिखाई देते हैं और अपनी पार्टी के हिंदू बहुसंख्यक एजेंडे को ‘क्रूरता’ के साथ चला रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री कुछ हद तक अपने कार्यालय के दायित्वों के कारण विवश हैं। पार्टी के भीतर, उन्हें मोदी के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है, जो उनसे 20 साल वरिष्ठ हैं।
पाकिस्तानी अखबार में उत्तर प्रदेश में यदि भाजपा को जीत मिलती है, तो आगे क्या होगा, इसको लेकर आंकलन किया गया है और कहा गया है कि, उत्तर प्रदेश चुनाव सात चरणों में हुए हैं और 10 मार्च को चुनाव के परिणाम घोषित होंगे और अगर भाजपा जीतती है, तो फिर योगी आदित्यनाथ एक ‘शक्तिशाली’ नेता बनकर उभरेंगे। डॉन ने एक ओपिनियन पोल का हवाला देते हुए लिखा है कि, चुनाव में भाजपा को लगभग 43 प्रतिशत पर वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है, जो उसे सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी से काफी आगे रखने के लिए और अपनी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता (नाम नहीं छापने की शर्त पर) ने कहा कि, ‘योगी आदित्यनाथ के भविष्य और उनकी भूमिका के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन अभी यह साफ है कि, वो पीएम मोदी के बाद पार्टी में दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता हैं।’ उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि, ‘यह समय से पहले कही गई बात हो सकती है, लेकिन निश्चित तौर पर वो आने वाले वक्त में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं।’
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