देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई में सड़कों की हालत खस्ता रहती है| ऐसे में बृहन्मुंबई महानगर पालिका के ठेकेदारों की सड़क निर्माण के समय जल्दबाजी भी सामने लायी गयी हैं| लेकिन अब बीएमसी को विश्वास है की वह एक अच्छी सड़के मुंबईकारों को दे सकती है, जिसमें ये 8 सड़कों के मापदंड की जांच करने वाली संस्थाएँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी| फ़िलहाल पालिका की ओर से इन 8 मापदंड जांच करने वाली संस्थाओं को 2 वर्ष के लिए दिया गया हैं| वहीं, मुंबई अब एक ग्लोबल शहर है|
गौरतलब है कि मुंबई में तक़रीबन 2000 किमी लंबी सड़के फैली हुई है, जिसमें से 1000 किमी रास्ते को बदलकर सीमेंट कांक्रीट में किया गया है| हालांकि, इस साल बीएमसी 200 किमी लंबी सड़कों को बदलकर सीमेंट कांक्रीट की बात की जा रही है|वहीं, टेंडर में सड़क निर्माण की सामग्रियों को ठेकेदार गुणवत्ता विहीन या नहीं में प्रयोग कर रहे है| इस पर ये संस्थाए कड़ी नज़र रखेंगी| वहीं, सड़क बनाते समय हर पड़ाव पर क्वालिटी चेक किया जाएगा| हालांकि, अब यह देखना दिलचस्प होगा की क्या बीएमसी की ये नयी क्वालिटी चेक सिस्टम कितनी कारगर होती है|
बता दें कि बीते साल, भाजपा ने सड़क खराब होने के मुद्दे पर बीएमसी प्रशासन को घेर लिया था, जहां पर बीएमसी में भाजपा के गुट नेता प्रभाकर शिंदे ने आरोप लगाया कि कम दर पर ठेका लेकर ठेकेदार सड़कों की गुणवत्ता से समझौता करते हैं, जिससे मॉनसून के समय सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं| वहीं बीएमसी प्रशासन भाजपा के सवालों का जवाब देने में असमर्थ रही| इसके विरोध में भाजपा ने जनता को एक बार फिर खराब रास्ते उपलब्ध कराने का आरोप लगाते हुए सभा का बहिष्कार किया था|
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