यूक्रेन संकट पर भारत ने बड़ी संख्या में वहां रहे अपने नागरिकों को सफलता पूर्वक स्वदेश वापसी की गयी है। मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में “ऑपरेशन गंगा” के तहत निकाले गए भारतीयों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। राज्यसभा में जयशंकर ने कहा कि गंभीर संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमने सुनिश्चित किया कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट पाएं।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर हमने “ऑपरेशन गंगा” लान्च किया, जिसके अंतर्गत यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चलाया गया। इसके लिए हमारा समुदाय चुनौतियों का सामना करते हुए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद था।
जयशंकर ने कहा कि “ऑपरेशन गंगा” अभियान की समीक्षा पीएम मोदी द्वारा स्वयंप्रति दिन के आधार पर की जा रही थी। विदेश मंत्रालय में हमने 24X7 आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की। हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा, एनडीआरएफ, आइएएफ, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से उत्कृष्ट समर्थन व सहयोग मिला है।
उन्होंने कहा कि आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में थे,जो क्षेत्र रूस की सीमा से लगा है और अब तक संघर्ष का केंद्र रहा है।भारत सरकार द्वारा 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के छात्रों को सफलतापूर्वक निकाला गया है।
गौरतलब है कि यूक्रेन में लगभग 22,000 भारतीय नागरिक थे, जिनमें से केवल 18,000 से अधिक छात्र थे। रूसी आक्रमण की शुरुआत के समय यूक्रेन में लगभग 16,000 भारतीय नागरिक मौजूद थे। 5 मार्च तक करीब 18,000 लोग यूक्रेन की सीमा पार कर पड़ोसी देशों पर आ गए थे। 6 मार्च तक लगभग 16,000 भारतीयों को 76 उड़ानों में भारत लाया गया था।
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