इस घटना के बाद आरोपियों पर केस दर्ज कराया गया है। वहीं पीएम शेख हसीना ने इस मामले कहा है दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी जाति धर्म से हो। एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 मार्च को इस्कॉन मंदिर में हुई घटना में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद शफीउल्लाह का एक प्लॉट इस्कॉन राधाकांत मंदिर के बगल में था। जिस पर शफीउल्लाह कोर्ट के निर्णय के बाद कब्ज़ा जमाना चाहता था। जिस पर उसे कुछ लोगों ने ऐसा करने से रोका। जिसमें इस्कॉन मंदिर के प्रिंसिपल भी शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि शफीउल्लाह का कहना है कि वह क़ानूनी कागजातों के साथ उस प्लॉट पर कब्ज़ा करने गया था।
जिससे धार्मिक स्थलों पर होने वाले हमलों को रोका जा सके।
पाक PM ने भारत के विदेश नीति की तारीफ की, इमरान की कुर्सी पर खतरा!
COVID-19: भारत को WHO ने किया सतर्क, एशिया-यूरोप में बढ़ रहे मामले