ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने ऐलान किया है कि हाल ही में बने AUKUS फोरम के जरिए हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार करने के लिए एक साथ काम किया जाएगा| हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए ये फैसला लिया गया है|
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने साझा बयान जारी करते हुए कहा है कि तीनों देश हाइपरसोनिक मिसाइल बनाएंगे| एक दूसरे से जरूरी जानकारी भी साझा करेंगे| वहीं डिफेंस सेक्टर में नई शुरुआत के लिए भी एक दूसरे का सहयोग करेंगे|
इस फैसले से चीन तिलमिला गया है| चीन ने दुनिया में एक और यूक्रेन बनाने की धमकी भी दे डाली है| संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के राजनयिक ने कहा, ‘अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन को दुनिया में यूक्रेन जैसे एक और नए संकट को पैदा करने से बचना चाहिए|’
हाइपरसोनिक मिसाइल ऐसी मिसाइल हैं जो पलक झपकते ही दुश्मन को तबाह कर देती हैं| इन मिसाइलों को दुनिया में मौजूद कोई भी डिफेंस सिस्टम रोकने या इंटरसेप्ट करने में सक्षम नहीं है|
अमेरिका, रूस और चीन सभी देश हाइपरसोनिक मिसाइलों को और ज्यादा विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं| पेंटागन ने 2023 के बजट में 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बजट सिर्फ हाइपरसोनिक हथियार बनाने और उनके बारे में रिसर्च करने के लिए रिजर्व किया है|
AUKUS में A का मतलब ऑस्ट्रेलिया, UK का मतलब यूनाइटेड किंगडम और US का मतलब अमेरिका से है| हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए सितंबर में इस फोरम का गठन किया गया था|
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