वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि लोग एक-दूसरे से आपस में बहुत ज्यादा जुड़ गए हैं, ऐसे में ‘हमारे नेटवर्क पर साइबर हमला कमान और नियंत्रण संरचनाओं को पंगु बना सकता है।’ उन्होंने कहा कि अगली जंग में दुश्मन शायद एक देश या संगठन न हो।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारत को शायद यह कभी पता न चल पाए कि उसके कंप्यूटरों पर हमला करने वाले कौन लोग हैं और यह हमला कब तथा कहां से होगा। चौधरी ने कहा कि भविष्य में भारत पर सभी मोर्चों पर हमला किया जा सकता है, जिसमें आर्थिक प्रतिबंध से लेकर राजनयिक तौर पर अलग-थलग किए जाने और सैन्य गतिरोध से लेकर कंप्यूटरों पर हमला कर सूचना को अवरुद्ध करना तक शामिल है।
उनके मुताबिक, यह सबकुछ पहली गोली चलने और पहले विमान के सीमा पार करने से पूर्व ही हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, ‘हम जिन हथियारों को देख रहे हैं वे एक छोटे कंप्यूटर वायरस से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल तक होंगे।’
गौरतलब है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी कई बार हाइब्रिड वारफेयर का जिक्र कर चुके हैं। यही नहीं वह अकसर नई शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए ढाई मोर्चे के युद्ध की भी बात करते थे। ढाई मोर्चे के युद्ध से उनका अर्थ चीन, पाकिस्तान और देश के अंदर ही परसेप्शन वॉर से था।
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