शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि श्रीराम के नाम पर सांप्रदायिक आग भड़काना “भगवान राम के विचारों” का अपमान है| उन्होंने कहा, “यहां तक कि भगवान राम भी मध्य प्रदेश के खरगौन की हिंसा पर बेचैन होंगे, जहां रामनवमी पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था|”
10 अप्रैल को रामनवमी पर देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक झड़पों का उल्लेख करते हुए राउत ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत नहीं है| उन्होंने आरोप लगाया, “पहले, रामनवमी के जुलूस सभी संस्कृति और धर्म के बारे में थे लेकिन अब तलवारें लहराई जाती हैं और सांप्रदायिक कलह पैदा की जाती है| मस्जिदों के बाहर हंगामा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा फैली है|”
भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया, वे अब भगवान राम के नाम पर तलवारें दिखा रहे हैं| उन्होंने कहा, “इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता| भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के विचार का अपमान है|”
राउत ने कहा कि हिंदू और मराठी नव वर्ष के अवसर पर 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर मुंबई सहित महाराष्ट्र में सांस्कृतिक जुलूस निकाले गए, लेकिन इन जुलूसों के मुस्लिम इलाकों से गुजरने के बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई|
राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे पर भाजपा के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया| उन्होंने लिखा, “…(एजेंडा यह है) राष्ट्रपति शासन लगाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना|”
MNS प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि अगर महाराष्ट्र सरकार 3 मई तक मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर हटाने में विफल रहती है, तो मस्जिदों के बाहर जोरदार आवाज में ‘हनुमान चालीसा’ बजाया जाएगा| उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने और जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून की भी वकालत की थी|
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