लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा मामले में गिरफ्तारी के बाद भायखला जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे खत में दावा किया है कि जेल में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि ‘नीची जाति’ से होने की वजह से उनके साथ बदसलूकी की जाती है और पीने का पानी भी नहीं दिया जाता है। नवनीत राणा ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
स्पीकर को लिखे ख़त में उन्होंने कहा, ‘जेल में मानवाधिकारों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नीची जात की होने की वजह से मुझे पाने का पानी तक नहीं दिया जाता है। रात में मैं बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी कोई मांग पूरी नहीं की। मुझसे कहा गया कि हम नीची जात वालों को अपने बाथरूम में नहीं जाने देते।’
इस बीच नवनीत राणा अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए मुंबई हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए उनको फटकार भी लगाई। हालांकि खार थाने में दर्ज एक दूसरी एफआईआर मामले में कोर्ट से उन्हें राहत भी मिली है। कोर्ट ने कहा कि जितनी बड़ी पावर होती है, उतनी ही जिम्मेदारी भी होती है।
नवनीत ने चिट्ठी में लिखा, मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ जगाने की कोशिश की थी। उद्धव के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार अपने सिद्धांतों से भटक रही है और वे लोगों का भरोसा तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भावनाएं आहत करने के लिए उन्होंने हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान नहीं किया था।
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