भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया पर हमला किया था| इस हमले के दौरान पुलिस ने चौकीदार की भूमिका निभाई। इसके बाद झूठा मामला भी दर्ज किया गया, जिसको लेकर विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और किरीट सोमैया सहित एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल मुलाकात की | और फर्जी प्राथमिकी रद्द कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है| वही, राज्यपाल ने कहा कि वह सही फैसला लेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मीडिया से संपर्क किया है| उस वक्त प्रवीण दरेकर ने कहा, मुंबई पुलिस पर सरकार के जरिए दबाव बनाकर जो कुछ भी किया जा रहा है, वह सब राज्यपाल के कानों तक पहुंच गया है|
दरेकर ने कहा कि सोमैया पर हमले की सभी घटनाओं से राज्यपाल के संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सोमैया पर हमला किया गया था और सोमैया के ड्राइवर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसके बाद बड़ी जद्दोजहद के बाद शिवसेना नेता विश्वनाथ महादेश्वर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया| उन्हें तुरंत जमानत दे दी गई। इस मामले में पुलिस ने सिर्फ एक तरफ़ा भूमिका निभाई है।
“जेड” श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता पर हमला, तो आम जनता का क्या? यह सवाल सभी ने पूछा है। ये सभी लोकतंत्र के आधार हैं। दरेकर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ठाकरे सरकार न्याय करेगी, इसलिए हम गृह मंत्री के पास गए बिना राज्यपाल के पास गए।”
किरीट सोमैया ने भी मीडिया से बातचीत की। उस समय उन्होंने कहा, उन्होंने राज्यपाल से फर्जी प्राथमिकी रद्द करने और मेरी प्राथमिकी लेने के लिए कहा था। सोमैया ने यह भी मांग की है कि मुख्यमंत्री को मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे को निलंबित करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा है कि वह इस मामले की जांच जरूर करेंगे।
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