देश के अधिकांश राज्य सहित उत्तर प्रदेश में चल रहे बिजली संकट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनर्जी सेक्टर में व्यापक सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि विभागीय मंत्री अपने महकमे की कार्यप्रणाली की समीक्षा करके हर स्तर पर बदलाव की कोशिश करें|मुख्यमंत्री योगी ने राज्य में बिना संकट के बिजली आपूर्ति के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा, ‘ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की व्यापक जरूरत है|वही उन्होंने कहा कि भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के दृष्टिगत कार्ययोजना तैयार की जाए|
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बना हुआ है| ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में करीब 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग की तुलना में आपूर्ति 20,800 मेगावाट ही हो रही है| हालांकि यूपी को राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश से करीब 1600 मेगावाट बिजली मिली है| इसके बावजूद अब भी लगभग 2000 मेगावाट बिजली की कमी है|
उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल, समय पर मिले| ओवरबिलिंग, त्रुटिरहित बिलिंग या देरी से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है| इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और उसकी वसूली की क्षमता बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस रणनीति बनानी होगी| ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है|
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