रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई)ने महंगाई के दबाव में करीब दो साल बाद रेपो रेट बढ़ा दिया है|रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार दोपहर अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी दी|गवर्नर दास ने कहा, “ग्लोबल मार्केट में पेट्रोल-डीजल सहित अन्य ईंधन के बढ़ते दबाव की वजह से हमें रेपो रेट में बदलाव करना पड़ रहा है| अब रेपो रेट 4 फीसदी की बजाए 4.40 फीसदी रहेगी|”
आरबीआई ने मई, 2020 के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था| माना जा रहा था कि जून से रेपो रेट में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन उससे पहले ही गवर्नर ने अचानक दरें बढ़ाकर सभी को चौंका दिया|
आरबीआई ने बाजार में मौजूद अतिरिक्त पूंजी तरलता को घटाने के लिए बैंकों का सीआरआर भी 0.50 फीसदी बढ़ा दिया है| अब बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो बढ़कर 4.50 फीसदी हो गया है| गवर्नर दास ने कहा कि इस कदम से बाजार में मौजूद करीब 83,711.55 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी को वापस बैंकों में लाया जा सकेगा| सीआरआर की नई दरें 21 मई, 2022 की मध्यरात्रि से प्रभावी हो जाएंगी|
गवर्नर ने कहा कि इस फैसले से पहले मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 मई तक बैठक की गई और सभी सदस्यों ने रेपो रेट में बढ़ोतरी के पक्ष में समर्थन किया| रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं| यही कारण है कि इस दर में बदलाव का सीधा असर खुदरा कर्ज पर पड़ता है|
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