बतादें कि टेरर फंडिंग मामले में मलिक के खिलाफ कोर्ट के फैसले के पहले, शहर के कई हिस्सों में स्वस्फूर्त बंद की सी स्थिति थी| श्रीनगर के लाल चौक सिटी सेंटर से थोड़ी दूर पर स्थित मलिक के मैसूमा स्थित निवास पर महिलाओं सहित कई लोग एकत्रित हुए थे और उनके समर्थन में नारेबाजी की थी|कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव भी किया था| भीड़ को तितरबितर करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे|
गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को यासीन मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि इन अपराधों का मकसद ‘भारत के विचार की आत्मा पर हमला करना’ और भारत संघ से जम्मू-कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था|
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं|न्यायाधीश ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की तरफ से की गई मृत्युदंड की मांग को खारिज कर दिया|उन्होंने कहा कि मलिक को जिन अपराधों के लिये दोषी ठहराया गया है वह अत्यंत ही गंभीर हैं|
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