महाराष्ट्र की महा अघाड़ी सरकार को तगड़ा झटका लगा है। गुवाहाटी में डेरा जमाए शिवसेना के 39 बागी विधायकों के समूह ने ठाकरे सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शिंदे गुट ने दावा किया है। आज सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई होने वाली है। महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल द्वारा 16 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की नोटिस के खिलाफ यह याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में दो बातों पर सुनवाई होगी। ये याचिकाएं शिवसेना के बागी शिंदे गुट की तरफ से दाखिल की गई है। शिंदे गुट की तरफ से 16 विधायकों ने सर्वोच्च अदालत का रुख किया है, जहां उन्होंने दो चीजों की मांग की है।
पहला तो यह की बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधान सभा उपाध्यक्ष के नोटिस को अवैध बताते हुए चुनौती दी है और दूसरा उन्होंने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट की तरफ से दिग्गज वकील हरीश साल्वे जबकि शिवसेना की ओर से भी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी केस की पैरवी करेंगे। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से देवदत्त कामत तो वहीं डिप्टी स्पीकर की तरफ से एडवोकेट रवि शंकर जंध्याला केस लड़ेंगे।
मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ करेगी। इस सुनवाई के दौरान 7 पक्ष शामिल रहेंगे, जिसमें डिप्टी स्पीकर, राज्य विधान सभा सचिव, महाराष्ट्र सरकार, अजय चौधरी (उद्धव की तरफ से विधायक दल के नए नेता), सुनील प्रभु (उद्धव गुट के चीफ व्हिप), भारत संघ, डीजीपी महाराष्ट्र शामिल हैं।
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